जिले में इस बार रबी फसलों का रकबे का लक्ष्य डेढ़ लाख हेक्टेयर को भी पार कर गया है। यदि शत-प्रतिशत बोवनी हेागी तो ये बीते तीन वर्षों में सबसे ज्यादा होगी। क्योंकि गत वर्ष 2018-19 में जहां 1 लाख 45 हजार 360 हेक्टेयर में फसलें बोई गई थी। जबकि दो साल पूर्व 2017-18 के वर्ष में तो जिले में रबी फसलों का रकबा महज 85 हजार हेक्टेयर में ही सिमट गया था। विशेष बात यह है कि तत्समय गेहूं भी महज 45 हजार हेक्टेयर में ही बोया गया। अल्पवर्षा और चंबल नहर से भी सिंचाई का पानी नहीं मिलने से तत्समय ऐसी स्थिति बनी थी।
हर साल रबी सीजन में खाद की किल्लत होती है और किसानों की लंबी-लंबी लाइनें लगती हैं। हालांकि इस बार अफसर खाद का पर्याप्त स्टॉक होने का दावा कर रहे हैं, लेकिन अभी सहकारी संस्थाएं और किसान अग्रिम भंडारण के लिए उठाव नहीं कर रहे हैं। बताया गया है कि जिले में रबी के कुल लक्षित रकबे के एवज में 37 हजार 200 मीट्रिक टन (इसमें 26 हजार यूरिया, 9 हजार डीएपी व 2200 मीट्रिक टन अन्य) खाद की आवश्यकता होगी, जिसमें अभी जिले में 7 हजार 630 मीट्रिक टन (इसमें 5109 यूरिया और 2315 मीट्रिक टन डीएपी) की उपलब्धता है। अफसरों का कहना है कि किसान और सहकारी संस्थाएं अग्रिम भंडारण करें तो गोदाम खाली होंगे, लिहाजा और स्टॉक आ जाएगा।
रबी सीजन के लिए फसलों का लक्ष्य(हेक्टेयर में)
फसल लक्षित रकबा
गेहूं 90000
सरसों 40000
चना 22000
मटर 500
मसूर 200
अलसी 200
गन्ना 100
अन्य 1000
कुल 154000