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इस वर्ष चने की फसल पर ज्यादा रहा किसानों का फोकस

locationश्योपुरPublished: Dec 29, 2020 11:46:33 pm

Submitted by:

rishi jaiswal

खरीफ सीजन में अल्पवर्षा से जूझने के बाद जिले के किसानों को अब रबी सीजन से उम्मीद है। यही वजह है कि रबी फसलों की बोवनी पूर्ण हो गई, जिसमें पिछले साल के मुकाबले इस बार गेहूं और सरसों का रकबा घटा है, जबकि चना की बोवनी के रकबे में बढ़ोत्तरी हुई है।

इस वर्ष चने की फसल पर ज्यादा रहा किसानों का फोकस

इस वर्ष चने की फसल पर ज्यादा रहा किसानों का फोकस


श्योपुर. खरीफ सीजन में अल्पवर्षा से जूझने के बाद जिले के किसानों को अब रबी सीजन से उम्मीद है। यही वजह है कि रबी फसलों की बोवनी पूर्ण हो गई, जिसमें पिछले साल के मुकाबले इस बार गेहूं और सरसों का रकबा घटा है, जबकि चना की बोवनी के रकबे में बढ़ोत्तरी हुई है। इसका कारण ये है कि मानसून में बारिश कम हुई, कई क्षेत्रों में रबी फसलों के लिए सिंचाई का पानी उपलब्ध नहीं है।
बताया गया इस बार जिले में रबी फसलों की बोवनी 1 लाख 55 हजार 174 हेक्टेयर रकबे में हुई है। हालांकि कृषि विभाग का लक्ष्य 1 लाख 61 हजार हेक्टेयर का था, लेकिन गेहूं का रकबा घटने से लक्ष्यपूर्ति से दूर रह गया। इस बोवनी चंबल नहर कमांड क्षेत्र को छोड़ दें तो अधिकांश इलाकों में किसानों ने गेहूं का रुझान कम करते हुए चना पर फोकस किया है। यही वजह है कि गत वर्ष 21 हजार 300 हेक्टेयर में बोया गया चना, इस बार 29 हजार 982 हेक्टेयर में पहुंच गया है। वहीं दूसरी ओर गत वर्ष सरसों की बोवनी 37 हजार 50 हेक्टेयर में हुई थी, लेकिन इस बार 30 हजार 598 हेक्टेयर में ही ये रह गई है।
रबी के लिए मुफीद हुआ मौसम
जिले में सर्दी का असर तेज होने से मौसम रबी फसलों के लिए मुफीद हो रहा है। किसानों के अनुसार इस बार सर्दी दिसंबर के दूसरे पखवाड़े में शुरू होने से कई जगह फसलों की स्थिति कमजोर है। लेकिन अब सर्दी बढऩे से रबी की फसलों में अच्छी बढ़वार आएगी। वहीं कीट रोगों का असर भी कम होगा। कृषि विशेषज्ञों की सलाह है कि कमजोर फसलों में नाइट्रोजन डालने के लिए यह उपयुक्त समय है।
86 हजार से अधिक में गेहूं का रकबा
खरीफ सीजन में धान और रबी सीजन में गेहूं की फसल जिले की मुख्य पहचान है। लेकिन इस बार आवदा बांध में पर्याप्त पानी नहीं होने से इस क्षेत्र में गेहूं का रकबा कम हुआ है, तो कुछ अन्य इलाकों में भी गेहूं कम बोया है। यही वजह है कि चंबल कमांड सहित कुछ अन्य इलाकों को मिलाकर इस बार 86 हजार 233 हेक्टेयर में गेहूं की बोवनी हुई है, जबकि गत वर्ष 95 हजार 840 हेक्टेयर में गेहूं बोया गया था, जो अभी तक का एक रिकॉर्ड है।
&तेज सर्दी पडऩे से रबी फसलों की बढ़वार अच्छी होगी। खासकर गेहूं व चना की फसल के लिए मौसम मुफीद है। सर्दी का दौर लंबा चला तो इससे पैदावार में निश्चित तौर पर वृद्धि होगी।
एसके शर्मा, एसडीओ कृषि श्योपुर
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