मध्यप्रदेश और राजस्थान की सीमा पर चंबल, बनास एवं सीप नदियों के संगम रामेश्वर धाम पर सोमवती अमावस्या पर स्नान व दान पुण्य का विशेष धार्मिक महत्व माना गया है। यही वजह रही कि सोमवार को तड़के से ही शुरू हुआ स्नान का क्रम दोपहर बाद तक अनवरत चलता रहा। सुबह से ही त्रिवेणी संगम तट पर स्नार्थियों की भीड़ जुटने लगी थी और भीषण गर्मी के बावजूद दोपहर बाद तक नदी के दोनों तरफ स्नान घाटों पर हर-हर गंगे के उद्घोष गंूजते रहे। इस पार रामेश्वर महादेव मंदिर व श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर में लोगों ने दर्शन किए, तो उस पार राजस्थान में श्री चतुर्भुज नाथ के दर्शन किया और मंदिर में सदियों से चली आ रही अखंड ज्योति के भी दर्शन किए। पवित्र स्नान के लिए श्योपुर क्षेत्र ही नहीं बल्कि विजयपुर और कराहल क्षेत्र के अलावा, मुरैना, शिवपुरी, ग्वालियर जिलों से भी बड़ी संख्या में लोगों ने रामेश्वर पहुंचकर त्रिवेणी में डुबकी लगाई। वहीं बड़ौदा तहसील क्षेत्र के उतनवाड़ गांव स्थित पवित्र ध्रुव कुंड में भी श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान किया। ध्रुव कुंड में स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने धु्रव जी के मंदिर और भगवान शंकर के मंदिर में दर्शन किए।