कस्बे के चंद्रसागर सहराना, सामाखाड़ा, रावणजी का सहराना और भूमिया जी का सहराना बस्तियों के लगभग एक सैकड़ा से अधिक परिवार एकत्रित हुए और समाज सुधार पर चर्चा की। इस दौरान समाज के पंच पटेलों की मौजूदगी में लोगों ने शराब का सेवन न करने का संकल्प लिया, साथ ही पंच पटेलों ने तय किया कि समाज में शराब को पूर्णत: बंद करने के लिए जुर्माने की भी व्यवस्था रहेगी।
ऐसे में यदि कोई शराब पीता पाया गया तो उस पर 500 रुपए जुर्माना, दूसरी बार में 1000 और तीसरी बार में 5000 रुपए का जुर्माना लगाएंगे, यदि फिर भी नहीं माना तो संबंधित को समाज के बेदखल कर दिया जाएगा। इसके साथ ही समाज के लोगों ने जुआ खेलने और गांजा, भांग, गुटखा खाने और धूम्रपान करने पर भी 500 रुपए जुर्माना लगाने का निर्णय लिया। बैठक में समाज के अध्यक्ष तेजपाल देवरिया, घनश्याम आदिवासी उपाध्यक्ष, घनश्याम आदिवासी सचिव, मनीराम, हेमराज आदिवासी, छोटा बाई, आदि सहित बड़ी संख्या में समाज के महिला पुरुष मौजूद रहे।
बच्चा स्कूल नहीं गया तो माता-पिता जिम्मेदार
बैठक में समाज से नशा दूर करने के साथ ही अन्य सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ भी निर्णय लिए। बैठक में पंच-पटेलों ने तय किया समाज के कई बालक-बालिका यदि स्कूल नहीं जा रहा है उसके लिए माता-पिता को ही जिम्मेदार माना जाएगा और पहली बार में उन पर 111 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके साथ ही सहरिया समाज की कोई बहू, बेटी मोबाइल का उपयोग करती है तो उस पर भी 500 रुपए का जुर्माना लगेगा। बैठक में शादी समारोह में विभिन्न बुराईयों को खत्म करने सहित अन्य कुरीतियों को भी दूर करने का निर्णय लिया।
84 गांवों की महापंचायत एक फरवरी को
बैठक में समाज के लोगों ने बताया कि बड़ौदा में समाज के 84 गांवों की एक बड़ी बैठक आगामी एक फरवरी को आयोजित की जाएगी। जिसमें क्षेत्र के 84 गांवों के पंच-पटेल एकत्रित होकर समाज सुधार पर चर्चा करेंगे और कई महत्वपूर्ण निर्णय लिया जाएगा।
समाज सुधार के लिए हम प्रयास कर रहे हैं। इसके साथ ही आगामी मंगलवार को जिला प्रशासन को एक मांग पत्र देें, जिसमें आदिवासियों के लिए देवस्थान बनाने के लिए जमीन देने, सामुदायिक भवन और नशामुक्ति शिविर लगाने जैसी मांगें उठाएंगे।
तेजपाल देवरिया, अध्यक्ष, सहरिया समाज संगठन बड़ौदा