एसडीएम, तहसीलदार ने राजस्व टीम के साथ मौके पर जाकर 18 बीघा जमीन को दंबग से मुफ्त करा कर तीन आदिवासी किसानों के सुपुर्द कर दिया। कराहल के सर्वे नम्बर 6/1 में 18 बीघा जमीन पर आदिवासी प्रहलाद, धनती व मालम ने गेंहू की फसल बोई थी। इसे काटकर वे घर लेकर गए, तो सुखचैन पुत्र तार सिंह ने जमीन पर ट्रेक्टर चलाकर उसे जोत दिया। वहीं अस्थाई टपरिया बनाकर रहने लगा। पीडि़त तीनों आदिवासी किसान ने एसडीएम को आवेदन देकर भू-माफिया की शिकायत की थी। उल्लेखनीय है कि चार साल पहले सरकारी जमीन पर फर्जी पट्टे निरस्त कर 132 केवीए विद्युत सब स्टेशन को आवंटन करने के साथ तीनों आदिवासी किसानों की जमीन जोत कर टपरिया बना कर रहने वाल सुखचैन से तत्कालीन कलेक्टर पीएल सोलकी के निर्देश पर जमीन मुक्त कराई थी।
इनका कहना है
सुखचैन सरदार ने तीन आदिवासी किसानों की जमीन पर कब्जा किया था। मौके पर जाकर मुफ्त करा दिया है। अस्थाई टपरिया को भी हटा दिया है। आदिवासी किसानों के आवेदन पर पुलिस को कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा।
विजय यादव
एसडीएम, कराहल
इनका कहना है
सुखचैन सरदार ने तीन आदिवासी किसानों की जमीन पर कब्जा किया था। मौके पर जाकर मुफ्त करा दिया है। अस्थाई टपरिया को भी हटा दिया है। आदिवासी किसानों के आवेदन पर पुलिस को कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा।
विजय यादव
एसडीएम, कराहल