अन्य गांवों में भी अतिक्रमण
जहां एक ओर बिजरपुर के श्मशान के रास्ते में अतिक्रमण है, वहीं दूसरी ओर जिले के अन्य ग्रामीण क्षेत्र में भी मुक्तिधामों की तस्वीर कोई जुदा नहीं है। आलम यह है कि कई गांवों में भी मुक्तिधाम तक अर्थी ले जाने के लिए रास्ते तक नहीं है और मुक्तिधाम की जमीनों पर फसलें हो रही है। गत बारिश के सीजन में हम देख भी चुके हैं, जब ग्रामीण इलाकों में मुक्तिधाम के लिए अर्थियां खेतों में भरे पानी में से निकालनी पड़ी।
जहां एक ओर बिजरपुर के श्मशान के रास्ते में अतिक्रमण है, वहीं दूसरी ओर जिले के अन्य ग्रामीण क्षेत्र में भी मुक्तिधामों की तस्वीर कोई जुदा नहीं है। आलम यह है कि कई गांवों में भी मुक्तिधाम तक अर्थी ले जाने के लिए रास्ते तक नहीं है और मुक्तिधाम की जमीनों पर फसलें हो रही है। गत बारिश के सीजन में हम देख भी चुके हैं, जब ग्रामीण इलाकों में मुक्तिधाम के लिए अर्थियां खेतों में भरे पानी में से निकालनी पड़ी।