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वेलेंटाइन डे स्पेशल-श्योपुर में भी है प्यार की निशानी मिनी ताजमहल

locationश्योपुरPublished: Feb 13, 2019 08:51:12 pm

Submitted by:

jay singh gurjar

श्योपुर में मौजूद है अटूट प्रेम की निशानी मिनी ताजमहलएक महिला ने अपने प्रेमी की याद में खोजीपुरा में बनवाया था मकबरा, नहीं मिल पाई सही पहचान

sheopur

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श्योपुर,
भले ही आगरा का ताजमहल दुनिया भर में प्रेम प्रतीक अद्वितीय स्मारक कहा जाता हो, लेकिन श्योपुर जिले में भी प्यार की निशानी के रूप में स्मारक मौजूद है, जिसे मिनी ताजमहल भी कहा जाता है। ये स्मारक है ढोढर क्षेत्र के खोजीपुरा रेल्वे स्टेशन के पास बना दो मंजिला मजार मकबरा। जिसे लगभग एक सदी पूर्व एक महिला ने अपने प्रेमी की याद में बनवाया था।
जिला मुख्यालय से लगभग ४५ किलोमीटर दूर पारम नदी के पुल के पास बना यह मकबरा स्वरूप में भले ही छोटा है। लेकिन यह इमारत इश्क की बुलंद पहचान कहें तो कोई अतिश्योक्ति नहीं हेागी। बताया जाता है कि यह महिला आगरा की निवासी थी और श्योपुर-ग्वालियर नेरोगेज रूट पर स्थित खोजीपुरा के रेल्वे पथ निरीक्षक अब्दुल कलाम से प्यार करती थी। मुरैना जिले के जौरा निवासी अब्दुल कलाम के संबंध में बताया जाता है कि एक दिन ड्यूटी के दौरान उनकी छोटी रेल से टकराकर मौत हो गई थी। इसके बाद उनकी याद में प्रेमिका ने छोटी रेललाइन के किनारे इस दो मंजिला मजार का निर्माण कराया।
बेजोड़ है मकबरे की नक्काशी
इस मकबरे की नक्काशी कारीगरी का बेजोड़ नमूना है। इसके अंदर उर्दू में कुछ आयतें भी लिखी गई हैं। इसका निर्माण ग्रेनाइट पत्थर और चमकते संगमरमर से कराया गया है। लेकिन समय के साथ ये मकबरा अपनी पहचान के लिए जूझ रहा है। स्थानीय लोग बताते हैं कि संगमरमर जडि़त मकबरे के पास अच्छा खासा पार्क भी था। इसमें पत्थर के हाथी और घोड़े भी बने थे। लेकिन उपेक्षा के चलते पार्क भी उजड़ गया । यहां रखे पत्थर के हाथी घोड़े भी गायब हो गए। आसपास के लोग बताते हैं कि साल में एक बार कुछ लोग यहां पूजा अर्चना करते आते हैं।

प्रस्तर शिल्प का अनूठा नमूना
ढोढर में मकबरे का निर्माण एक महिला ने अपने प्रेमी की याद में कराया। जो प्रस्तर शिल्प का अनूठा नमूना है। गुमनामी में गुमे इस स्थान को अब तक पर्यटन स्थल के लिहाज से विकसित करने को लेकर कोई प्रयास नहीं किए गए हैं।
कैलाश पाराशर
अध्यक्ष, पुरातत्व एवं संरक्षण समिति श्योपुर
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