विजयपुर में क्वारी नदी किनारे 14-15वीं शताब्दी में बनकर तैयार हुआ किला लगातार जीर्णशीर्ण होता जा रहा है। यही वजह है कि बीती रात नगर के बाजार क्षेत्र की ओर बनी किले की दीवार का एक बड़ा हिस्सा ढह गया। चूंकि दीवार का ये हिस्सा रात में गिरा, इसलिए कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ, अन्यथा दिन के समय यहां काफी गहमागहमी रहती है, क्योंकि इसी हिस्से के नीचे दुकानें बनी है और बाजार है। दीवार ढहने के बाद स्थानीय लोगों और पुरातत्वप्रेमियों में खासा आक्रोश है। लोगों का कहना है कि राज्य संरक्षित स्मारकों की सूची में होने के बाद भी पुरातत्व विभाग ने कोई ध्यान नहीं दिया है। हालांकि कुछ साल पूर्व यहां पुरातत्व विभाग ने मेंटेनेंस भी कराया, लेकिन उसमें खानापूर्ति की गई है, लिहाजा किले के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है।
राजा विजयसिंह ने करवाया था किले का निर्माण
विजयपुर में मौजूद किला १४-१५वीं शदी में बनकर तैयार हुआ। किले का निर्माण तत्समय के करौली के राजा रहे विजयसिंह ने कराया। इस दौर तक यहां पर करौली राज्य की सीमा लगा करती थी। राजा विजय सिंह द्वारा तब अपने क्वारी के जंगल क्षेत्र में शिकार के लिए आने की स्थितियों के मद्देनजर ही विजयपुर में किले का निर्माण कराया गया। राजा विजय सिंह के नाम पर ही बाद में कस्बे का नाम विजयपुर पड़ा।
एक पखवाड़े पूर्व श्योपुर किले भी गिरी थी दीवार
विजयपुर किले से पूर्व श्योपुर के 11वीं सदी में बने ऐतिहासिक किले की दीवार का भी एक हिस्सा ढह गया था। लेकिन अभी तक इस दिशा में भी पुरातत्व विभाग ने कोई सुध नहीं ली है। किले की ये दीवार ढहने से गुरुमहल के गिरने का भी खतरा मंडरा रहा है।