ग्राम सेमरा आदिवासी बस्ती में स्वास्थ्य शिविर और जनजागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। डॉ.राजेश मेहरा ने बुखार से पीडि़त लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया। वहीं 9 लोगों ने खून की जांच कराई। सर्दी-खांसी, पेट दर्द, खुजली से पीडि़त ग्रामीणों को दवाई भी दी गई। एएनएम बेला कुमारी, आशा सुशील जाटव ने लोगों की जांच की, जिसमें बुखार, सर्दी-खांसी, पेट दर्द से पीडि़त मरीजों को ओआरएस के पैकेट दिए।
एम्बेड परियोजना के जिला समन्वयक डॉ.संतोष भार्गव ने बताया कि स्वास्थ्य शिविर के दौरान लोगों को धूप से बचने, फुल बहां के कपड़े पहनने, पानी उबालकर और ठंडा कर पीने, मलेरिया से बचने मच्छरदानी, नीम की पत्ति का धुआं, कॉइल फास्टकार्ड का उपयोग करने की सलाह दी। डॉ. मेहरा और टीम ने मलेरिया, डेंगू जैसी खतरनाक बीमारियों के उन्मूलन के लिए जनजागरूकता अभियान और लोगों से पानी को जमा नहीं करने, हर सात दिन में गड्ढों में जला हुआ ऑयल या केरोसिन का तेल डालने के लिए प्रेरित किया।