एम्बेड परियोजना के जिला समन्वयक डॉ. संतोष भार्गव ने बताया कि बीसीसीएफ द्वारा चयनित सभी गांव में घर-घर जाकर मच्छरदानी के उपयोग की जानकारी ली और जो लोग उपयोग नहीं कर रहे थे उन्हें उपयोग करने के लिए समझाया और कहा कि बुखार आने पर और लक्षण दिखने पर तुरंत खून की जांच कराएं।
वहीं समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कराहल में पोषण माह के अवसर पर ब्लॉक स्तरीय पोषण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान 75 बालिकाओं के हीमोग्लोबिन जांच की गई है। इनमें से 65 बालिकाओं में हीमोग्लोबिन कम निकला है।
वहीं समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कराहल में पोषण माह के अवसर पर ब्लॉक स्तरीय पोषण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान 75 बालिकाओं के हीमोग्लोबिन जांच की गई है। इनमें से 65 बालिकाओं में हीमोग्लोबिन कम निकला है।
पर्यवेक्षक सुषमा सोनी ने हीमोग्लोबिन बढ़ाने के उपाय भी स्कूली छात्र-छात्राओं को बताए। पोषण जागरूकता कार्यक्रम के दौरान कार्यशाला का आयोजन भी किया गया। जिसमें खण्ड शिक्षा अधिकारी एसपी भार्गव ने प्राचार्यों को एनीमिया लक्षण से परिचित कराया।
संभागीय समन्वयक मिर्जा रफीक बैग ने एनीमिया के बारे में जानकारी दी साथ ही स्कूल में आने वाली किशोरियों के लिए आयरन की गोली कितनी आवश्यक है पर भी चर्चा की। वहीं टी थ्री पद्धति के माध्यम से समझाया कि टीथ्री का मतलब टेस्ट पहले फिर ट्रीट और आखिरी में टॉक बातचीत करना है। पर्यवेक्षकों ने भी किशोरियों को स्वास्थ्य, साफ सफाई, खानपान ,एनीमिया, महावारी,स्वच्छता को लेकर जानकारी दी। कार्यक्रम में महिला बाल विकास से पर्यवेक्षक सुषमा सोनी, प्रेमलता मेहरा, रेखा सुमन, अनीता सिंघल उपस्थित थीं।