3 साल बाद भी इंतजार
केंद्र सरकार ने जून 2019 में देश के अन्य राज्यों के साथ ही मप्र में श्योपुर सहित 6 नए मेडीकल कॉलेज खोलने की मंजूरी दी थी। केन्द्र सरकार से मिली मंजूरी के बाद बाद डीपीआर बनाई गई और गत वर्ष प्रदेश सरकार की केबिनेट की मंजूरी के बाद राजगढ़, नीमच, मंदसौर, छतरपुर और सिवनी के मेडिकल कॉलेज निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई, लेकिन श्योपुर मेडिकल कॉलेज फिलहाल अधर में ही नजर आ रहा है। जिसके कारण जिले के लोगों में रोष है।
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262 करोड़ रुपए आएगी लागत
श्योपुर का मेडिकल कॉलेज ग्राम नागदा में बनना है और इसके लिए जिला प्रशासन ने नवंबर 2019 में ही लगभग 50 बीघा जमीन मेडिकल कॉलेज के लिए स्वास्थ्य विभाग को आवंटित कर दी थी। बताया गया है कि मेडिकल कॉलेज के लिए लोक निर्माण विभाग की पीआइयू द्वारा निजी कंसलटेंसी से पूर्व में बनवाई गई डीपीआर के मुताबिक 262 करोड़ 42 लाख रुपए की लागत आंकी गई है। इसमें शैक्षणिक महाविद्यालय एवं परिसर तैयार किया जाएगा।
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अब पीआइयू की जगह ब्रिज एंड रूफ कंपनी को जिम्मा
मेडिकल कॉलेज की स्वीकृति से लेकर सर्वे और डीपीआर का काम लोक निर्माण विभाग की पीआइयू शाखा ने किया और पहले निर्माण एजेंसी यही थी। लेकिन अब सरकार ने निर्माण एजेंसी बदल दी है और दिल्ली की ब्रिज एंड रूफ कंपनी (इंडिया) लिमिटेड नई दिल्ली को निर्धारित शर्तों के तहत मेडिकल कॉलेज निर्माण की जिम्मेदारी दी है। इसके लिए मप्र शासन चिकित्सा शिक्षा विभाग मंत्रालय द्वारा 28 फरवरी को एक आदेश भी जारी कर दिया।