साल भर पहले संचालित हुई नलजल योजना की पाइप लाइन गुणवत्ताहीन होने के कारण टूट कर जर्जर हो गई इस कारण लाइन का पानी महज 20 घरों में पहुंच पा रहा है। पानी भरने को लेकर हर दिन लोगों के बीच झगड़ा होता है। इसके साथ ही नीचे की बस्ती में नलों के कनेक्शन नहीं दिए गए है। जिससे बस्ती के लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है।
एक वर्ष पूर्व दिए थे नल कनेक्शन
लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने विधायक सीताराम आदिवासी के गांव ककरधा में एक साल पहले नलजल योजना से 70 परिवारों को नल कनेक्शन दिए थे, उनमें से 50 परिवारों को नल का पानी नहीं पहुंच रहा है। योजना शुरू होने के एक साल बाद ही नलों 50 परिवारों नलों में पानी आना बंद हो गया। ग्रामीणों का कहना है कि डाली गई पाइपलाइन गुणवत्ताहीन थी। ठेकेदार ने लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अफसरों की मिली भगत से घटिया कार्य किया। जिस कारण पाइपलाइन एक ही साल में टूट कर फूट गई। पाइप लाइन टूटने से पानी का संकट ५० परिवारों को झेलना पड़ रहा है। जर्जर पाइप लाइन को बदलवाने के साथ नलों को संचालित कराने के लिए ग्रामीण विधायक समेत गांव में आने वाले अफसरों से कई बार गुहार लगा चुके हैं। लेकिन सुनवाई नहीं की जा रही है।
लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने विधायक सीताराम आदिवासी के गांव ककरधा में एक साल पहले नलजल योजना से 70 परिवारों को नल कनेक्शन दिए थे, उनमें से 50 परिवारों को नल का पानी नहीं पहुंच रहा है। योजना शुरू होने के एक साल बाद ही नलों 50 परिवारों नलों में पानी आना बंद हो गया। ग्रामीणों का कहना है कि डाली गई पाइपलाइन गुणवत्ताहीन थी। ठेकेदार ने लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अफसरों की मिली भगत से घटिया कार्य किया। जिस कारण पाइपलाइन एक ही साल में टूट कर फूट गई। पाइप लाइन टूटने से पानी का संकट ५० परिवारों को झेलना पड़ रहा है। जर्जर पाइप लाइन को बदलवाने के साथ नलों को संचालित कराने के लिए ग्रामीण विधायक समेत गांव में आने वाले अफसरों से कई बार गुहार लगा चुके हैं। लेकिन सुनवाई नहीं की जा रही है।
आदिवासी बस्ती में नहीं लगाए नल
विधायक सीताराम आदिवासी के गांव ककरधा में हर दिन बालक आश्रम के सामने आदिवासी बस्ती के लोग पानी को लेकर परेशान होते हैं। इस बस्ती में नलों का कनेक्शन नहीं दिया गया। जिसकी वजह से लोग पानी के लिए इधर उधर भटकते रहते हैं। बस्ती के लोग 100 मीटर दूर ककरधा गांव से पानी लाकर पी रहे हैं। जबकि कभी बिजली नहीं आती तो नदी में भरा पानी पीना पड़ता है। बस्ती के पास वाटर स्पोर्ट सोर्स की नल टंकी बनी है लेकिन बोर की मोटर खऱाब हो जाने से बंद पड़ी है। इस कारण पानी की कि़ल्लत हर दिन बनी हुई है। ग्राम पंचायत मोटर को ठीक कराने का नाम नही लें रही है, पंचायत के सचिव सरपंच को ग्रामीण शिकायत कर चुके है, लेकिन अब तक सुनवाई नहीं हो सकी है।
विधायक सीताराम आदिवासी के गांव ककरधा में हर दिन बालक आश्रम के सामने आदिवासी बस्ती के लोग पानी को लेकर परेशान होते हैं। इस बस्ती में नलों का कनेक्शन नहीं दिया गया। जिसकी वजह से लोग पानी के लिए इधर उधर भटकते रहते हैं। बस्ती के लोग 100 मीटर दूर ककरधा गांव से पानी लाकर पी रहे हैं। जबकि कभी बिजली नहीं आती तो नदी में भरा पानी पीना पड़ता है। बस्ती के पास वाटर स्पोर्ट सोर्स की नल टंकी बनी है लेकिन बोर की मोटर खऱाब हो जाने से बंद पड़ी है। इस कारण पानी की कि़ल्लत हर दिन बनी हुई है। ग्राम पंचायत मोटर को ठीक कराने का नाम नही लें रही है, पंचायत के सचिव सरपंच को ग्रामीण शिकायत कर चुके है, लेकिन अब तक सुनवाई नहीं हो सकी है।
ठीक कराई जाएगी पाइप लाइन
ककरधा गांव की नलजल योजना को लेकर पंचायत सचिव को बोल रहा हूं। योजना की लाइन को देख कर संधारण कार्य कराया जाएगा। जिससे घरों में पानी पहुंच सके।
एसएस भटनागर, जनपद सीइओ कराहल
ककरधा गांव की नलजल योजना को लेकर पंचायत सचिव को बोल रहा हूं। योजना की लाइन को देख कर संधारण कार्य कराया जाएगा। जिससे घरों में पानी पहुंच सके।
एसएस भटनागर, जनपद सीइओ कराहल