सभी नालों को एक स्थान पर किया जाएगा शुद्ध
सीवेज वाटर ट्रीटमेंट प्लांट की बनाई गई रूपरेखा के मुताबिक शहर के जो छह बड़े नाले हैं, उनका गंदा पानी एक जगह एकत्रित किया जाएगा। जहां पर इस गंदे पानी का ट्रीटमेंट करके उसे शुद्ध किया जाएगा। इसके बाद इसे नदी में छोड़ा जाएगा। जिससे गंदे नालों के मिलने की वजह से गंदा होने वाला सीप का पानी निर्मल बना रहेगा।
नालों से दूषित हो रहा नदी का पानी
उल्लेखनीय है कि शहर को दो तरफ से सीप नदी द्वारा घेरा हुआ है। यह नदी शहर की जीवनदायिनी कहलाती है। लेकिन शहर से निकलने वाले दर्जन भर से अधिक छोटे बड़े नाले सीधे सीप में ही जाकर गिरते हैं, जिससे नदी दिनों दिन दूषित होती जा रही है। नालों का गंदा और दूषित पानी सीधे नदी में गिरने से नदी का पानी पीने योग्य तो दूर नहाने योग्य भी नहीं रह जाता है। यही वजह है कि नगरपालिका अब सीप को साफ और स्वच्छ बनाने की कवायद के तौर पर वाटर ट्रीटमेंट प्लान तैयार करा रही है।
सीप नदी शहर की जीवनधारा है। उसका जल अगर शुद्ध बना रहता है, तो फिर उसका उपयोग विषम परिस्थितियों में किया जा सकता है। यही वजह है कि नपा की मंशा इस नदी के पानी को शुद्ध बनाए रखने की है, जिसके लिए इसे दूषित बनाने वाले नालों के पानी को शुद्ध करके इसमें मिलाए जाने के लिए वाटर ट्रीटमेंट प्लान की डीपीआर तैयार कराई जा रही है।
दौलतराम गुप्ता, अध्यक्ष, नगरपालिका श्योपुर