ग्राम ननावद निवासी गर्भवती माया पत्नी राकेश बैरवा को प्रसव पीड़ा होने पर शनिवार की सुबह साढ़े चार बजे परिजन जिला अस्पताल लेकर पहुंचे थे। मेटरनिटी विंग में ड्यूटी पर तैनात नर्स ने गर्भवती माया का चैकअप करने के बाद कहा कि अभी डिलीवरी होने में पांच घंटे से ज्यादा समय लगेगा। इसलिए तब तकवार्ड में जाकर आराम करो। नर्स के कहने पर माया के परिजन बेफिक्र हो गए। लेकिन कुछ देर बाद ही टॉयलेट में प्रसव हो गया। माया ने लडक़े को जन्म दिया।
प्रसव होने पर सास चिल्लाई, तो दौड़ा स्टॉफ
टॉयलेट में प्रसव होने के बाद प्रसूता की सास गीता बाई चिल्लाई। इसके बाद मेटरनिटी विंग का ड्यूटी स्टॉफ दौड़ते हुए टॉयलेट तक पहुंचा। इसके बाद जच्चा-बच्चा को सुरक्षित वार्ड तक पहुंचाया गया और इलाज शुरू किया।
पांच घंटे बताए थे, डिलीवरी होने में
बहू की पहली डिलीवरी थी। नर्सों ने कहा था कि पांच घंटे बाद डिलीवरी होगी। मगर कुछ देर बाद ही टॉयलेट में डिलीवरी हो गई। नर्सों को जब बताया तो वह गुस्सा करने लगी। बाद में बहु और बच्चे को वार्ड में लेकर आ गईं।
गीता बाई बैरवा, प्रसूता की सास
मुझे मामले की जानकारी नहीं है। अगर ऐसा हुआ है तो इसकी जानकारी लेकर मामले की जांच कराई जाएगी, ऐसा कैसे हुआ।
डॉ. एनसी गुप्ता, सीएमएचओ, श्योपुर