बंदर घरों से भी सामान उठाने के साथ साथ बच्चों व महिलाओं पर झपटने लगे। प्रशासन से बार-बार गुहार लगाने के बाद भी इस दिशा में कोई पहल न हो पाने से ग्रामीण व युवाओं ने स्वयं ही इनसे निपटने का बीड़ा उठाया तथा बंदर भगाओ अभियान चलाया। इससे धीरे धीरे बंदर दूर भागने लगे तथा गांव के इर्द-गिर्द छुटपुट बंदर ही दिखाई दिए। ग्रामीणों का कहना है कि बंदर न केवल परेशानी का सबब बने हुए हैं, बल्कि आंतक फैलाकर लोगों को भयभीत किए हुए हैं। इसलिए यह अभियान चलाना पड़ा।