आखिर बम्पर में क्यों नहीं हुआ एप्पल, जानिए...
शिमलाPublished: Nov 04, 2023 07:27:31 pm
हिमाचल: पांच साल में सबसे कम सेब उत्पादन
1.78 करोड़ पेटी में सिमटा कारोबार
शिमला. हिमाचल प्रदेश में इस साल सेब सीजन करीब एक करोड़ 78 लाख पेटी में ही सिमट गया। यह पांच साल में सबसे कम है। बीते साल के मुकाबले इस साल करीब एक करोड़ 58 लाख पेटी सेब कम हुआ है। सेब खरीद करने वाली सबसे बड़ी निजी कंपनी अदाणी एग्रो फ्रेश भी इस साल 16,000 मीट्रिक टन सेब ही खरीद पाई है, जबकि लक्ष्य 25,000 मीट्रिक टन का था। एचपीएमसी और हिमफैड ने करीब 53,000 मीट्रिक टन सेब की खरीद की है।


आखिर बम्पर में क्यों नहीं हुआ एप्पल, जानिए...
मंडियों में 88 लाख 92 हजार का कारोबार
प्रदेश में इस साल राज्य कृषि विपणन बोर्ड की मंडियों ामें करीब 88 लाख 92 हजार और मंडियों के बाहर 89 लाख 66 हजार पेटियों का कारोबार हुआ है। हालांकि, सेब की कम उपज और किलो के हिसाब से सेब बिक्री के चलते बागवानों को फसल के अच्छे दाम मिले। मौसम की बेरुखी से इस साल सेब उत्पादन प्रभावित हुआ। शुरुआत से ही मौसम ने साथ नहीं दिया। सर्दियों में कम बर्फबारी से कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में चिलिंग ऑवर्स पूरे नहीं हुए और फरवरी में सूखे जैसे हालात रहे। मार्च के बाद शुरू हुआ बारिश का दौर अप्रैल-मई-अगस्त तक जारी रहा।
बारिश, ओलावृष्टि और असमय बर्फबारी से नुकसान
बारिश, ओलावृष्टि और असमय बर्फबारी से फ्लावरिंग को नुकसान हुआ। गर्मियों में फ्लावरिंग के दौरान जब तापमान औसत 15 डिग्री जरूरी था तो ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 8 डिग्री से भी नीचे लुढ़क गया। ठंड से पॉलिनेशन की प्रक्रिया प्रभावित हुई। अप्रैल, मई में ओलावृष्टि से नुकसान हुआ। अच्छे रंग और आकार के लिए जब धूप जरूरी थी, तब प्री-मानसून की बारिश से नुकसान हुआ। उत्पादन गिरने का कारण जलवायु परिवर्तन भी माना जा रहा है, जिससे निपटने के लिए गंभीर प्रयास की जरूरत है।