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नगर पालिका की बच गए 10 लाख रुपए,, जानिए कैसे

locationशिवपुरीPublished: Dec 19, 2017 11:17:26 pm

Submitted by:

shyamendra parihar

न्यायालय ने खारिज किया ठेकेदार का दावा, अब नहीं देने होंगे नपा को 10 लाख, मामला फर्जी भुगतान का
 
 

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शिवपुरी. शहर के पार्कों में विद्युत पोल व पत्थर बैंच लगाए बिना ही 10 लाख का भुगतान नगरपालिका से लेने के लिए शिवम कंस्ट्रक्शन कंपनी के दावे को न्यायालय ने खारिज कर दिया। मंगलवार को उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर में हुई सुनवाई के दौरान जब नपा ने अपना पक्ष रखा तो जस्टिस संजय यादव ने ठेकेदार के दावे को निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया। ज्ञात रहे कि यह उसी फर्जीवाड़े की अगली कड़ी है, जिसमें नपाध्यक्ष व इंजीनियरों ने अपनी जांच में पाया था कि बिना सीसी सडक़ बनाए हुए ठेकेदार ने फर्जी भुगतान निकाल लिया।
नपाध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह व उपाध्यक्ष अनिल शर्मा अन्नी ने बताया कि नगरपालिका के पूर्व सीएमओ कमलेश शर्मा ने किन्हीं कारणों के चलते न्यायालय में यह मान लिया था कि तीन फाइलों का भुगतान ठेकेदार को किया जाना है। पूर्व सीएमओ के यह मान लिए जाने को आधार बनाकर ठेकेदार अर्पित शर्मा ने बिना सीसी सडक़ बनाए हुए भुगतान नगरपालिका से ले लिया था, यह खुलासा नपाध्यक्ष व उपाध्यक्ष सहित एई की जांच में हुआ था। चूंकि ठेकेदार डुप्लीकेट फाइल बनाकर दो भुगतान तो ले चुका था, जबकि तीसरी फाइल विद्युत पोल व बैंच खरीदी का 10 लाख रुपए का भुगतान लेने के लिए दावा किया था।
चूंकि एक मामला जांच में फर्जी पकड़ा गया था, इसलिए भुगतान से पूर्व जब नपाध्यक्ष व उपाध्यक्ष ने विद्युत आयरन पोल व बैंच का भौतिक सत्यापन करने के लिए सिटी प्लाजा के ताले तोड़े तो उतना माल था ही नहीं, जितने का भुगतान मांगा जा रहा था। साथ ही यह पोल व बैंच अनुबंध के आधार पर ठेकेदार को शहर के पार्कों में लगाकर देना था। जब नपा ने पूर्व में हुए फर्जी भुगतान व भौतिक सत्यापन की रिपोर्ट न्यायालय में पेश की तो मंगलवार को जस्टिस ने ठेकेदार के उस दावे को ही निरस्त कर दिया।
बच गए नगरपालिका के 10 लाख
शहर के पार्कों में न तो विद्युत पोल लगाए और न ही बैंच रखी गईं। फर्जी सीसी सडक़ का मामला उजागर होने के बाद हमने न्यायालय में तीसरे भुगतान पर रोक लगाने व उसे निरस्त करने का आवेदन लगाया था। उच्च न्यायालय ने हमारे पक्ष को सच मानते हुए ठेकेदार को दावे को निरस्त कर दिया है। अब नपा के 10 लाख रुपए बच जाएंगे।
मुन्नालाल कुशवाह, नपाध्यक्ष
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