छात्रों ने किया फिजिक्स के पेपर का बहिष्कार
शिवपुरी. शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक-२ में पीरियड न लगने से तैयारी न लहोने के कारण शुक्रवार को छात्रों ने पेपर का बहिष्कार कर दिया। जब छात्रों ने शिक्षक न होने को लेकर स्कूल के प्रिंसिपल से बात की तो प्रिंसिपल का कहना था कि हमने शिक्षक के लिए विज्ञप्ति जारी की थी, परंतु हमें शिक्षक नहीं मिला। उन्होंने छात्रों से यहां तक कह दिया कि अगर आप को शिक्षक मिल जाए तो आप ले आओ।
जानकारी के अनुसार जिले के शासकीय उत्कृष्ट माध्यमिक विद्यालय क्रमांक-२ में फिजिक्स का टीचर न होने के कारण छात्रों में रोष की स्थिति बनी हुई है। शुक्रवार को छात्रों ने स्कूल में आयोजित हुए फिजिक्स के पेपर का बहिष्कार कर दिया। छात्रों ने स्कूल प्रबंधन के सामने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि हमें स्कूल में पढ़ाया नहीं गया है, हम ट्यूशन जाते नहीं हैं। ऐसे में हम पेपर कहां से दें। इस पर स्कूल प्रबंधन कोई जवाब नहीं दे पाया बल्कि उपस्थिति का हवाला देकर मामले को दबाने का प्रयास किया। इस तर्क पर कुछ छात्रों ने कहा कि हम तो स्कूल आते हैं, हमने टेस्ट भी दिए हैं। अगर शिक्षक नहीं होंगे तो हमें भी मजबूरन स्कूल आना बंद करना पड़ेगा। अंतत: स्कूल प्राचार्य ने छात्रों से यह कहकर पल्ला झाड़ा कि हमने स्कूल में विज्ञप्ति चस्पा की थी, हमें तो कोई टीचर नहीं मिला, हम अब कहां से ले आएं। अगर आप के पास कोई टीचर हो तो आप ले आओ।
शिवपुरी. शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक-२ में पीरियड न लगने से तैयारी न लहोने के कारण शुक्रवार को छात्रों ने पेपर का बहिष्कार कर दिया। जब छात्रों ने शिक्षक न होने को लेकर स्कूल के प्रिंसिपल से बात की तो प्रिंसिपल का कहना था कि हमने शिक्षक के लिए विज्ञप्ति जारी की थी, परंतु हमें शिक्षक नहीं मिला। उन्होंने छात्रों से यहां तक कह दिया कि अगर आप को शिक्षक मिल जाए तो आप ले आओ।
जानकारी के अनुसार जिले के शासकीय उत्कृष्ट माध्यमिक विद्यालय क्रमांक-२ में फिजिक्स का टीचर न होने के कारण छात्रों में रोष की स्थिति बनी हुई है। शुक्रवार को छात्रों ने स्कूल में आयोजित हुए फिजिक्स के पेपर का बहिष्कार कर दिया। छात्रों ने स्कूल प्रबंधन के सामने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि हमें स्कूल में पढ़ाया नहीं गया है, हम ट्यूशन जाते नहीं हैं। ऐसे में हम पेपर कहां से दें। इस पर स्कूल प्रबंधन कोई जवाब नहीं दे पाया बल्कि उपस्थिति का हवाला देकर मामले को दबाने का प्रयास किया। इस तर्क पर कुछ छात्रों ने कहा कि हम तो स्कूल आते हैं, हमने टेस्ट भी दिए हैं। अगर शिक्षक नहीं होंगे तो हमें भी मजबूरन स्कूल आना बंद करना पड़ेगा। अंतत: स्कूल प्राचार्य ने छात्रों से यह कहकर पल्ला झाड़ा कि हमने स्कूल में विज्ञप्ति चस्पा की थी, हमें तो कोई टीचर नहीं मिला, हम अब कहां से ले आएं। अगर आप के पास कोई टीचर हो तो आप ले आओ।