नपा में 1635 कर्मचारी, हर माह 1.40 करोड़ का वेतन, फिर भी बदहाल शहर
शहर को साफ-सुथरा रखने तथा शहरवासियों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी नगरपालिका की है, जिसमें 1635 कर्मचारियों का भारी लाव-लश्कर मौजूद है। इन कर्मचारियों का हर माह 1 करोड़ 40 लाख रुपए वेतन भी दिया जाता है, बावजूद इसके शहर न केवल बदहाल है, बल्कि यहां पर चौतरफा गंदगी होने के साथ-साथ मूलभूत सुविधाओं का अभाव है।

शिवपुरी. शहर को साफ-सुथरा रखने तथा शहरवासियों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी नगरपालिका की है, जिसमें 1635 कर्मचारियों का भारी लाव-लश्कर मौजूद है। इन कर्मचारियों का हर माह 1 करोड़ 40 लाख रुपए वेतन भी दिया जाता है, बावजूद इसके शहर न केवल बदहाल है, बल्कि यहां पर चौतरफा गंदगी होने के साथ-साथ मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। इतना ही नहीं शहर में मौजूद 58 पार्कों में से महज 8 में ही हरियाली है, जबकि शेष उजाड़ व वीरान पड़े हुए हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि पार्कों के नाम से जो कर्मचारी नपा में तैनात हैं वो पार्कों की जगह अध्किारियों के बंगलों में चाकरी कर रहे हैं।
गौरतलब है कि शिवपुरी शहर को साफ-सुथरा रखने तथा पार्कों आदि का रख-रखाव करने के लिए नगरपालिका शिवपुरी में 1635 कर्मचारी पदस्थ हैं। जिनके ऊपर शहर को साफ-सुथरा व सुंदर बनाने की जिम्मेदारी है, लेकिन इतना बड़ा अमला होने के बावजूद शहर के हालात बद से बद्तर बने हुए हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि नपा में पदस्थ लगभग आधे कर्मचारी तो सिर्फ वेतन लेते हैं, जबकि काम करने नहीं आते। यही वजह है कि नगर के हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे। इनमें सबसे अधिक कर्मचारी शहर के पार्को के रख-रखाव के लिए माली के पद पर पदस्थ किए गए, वहीं पंप अटेंडरों की भी बड़ी भीड़ है, जिसमें से अधिकांश तो काम पर ही नहीं जाते। यहीं स्थिति नपा में पदस्थ सफाई कर्मचारियों की है और नपा में लगभग 400 सफाईकर्मी हैं, जिनमें से आधे से अधिक घर पर बैठकर ही हर माह वेतन ले रहे हैं । यही वजह है कि शहर के हालात सुधर नहीं पा रहे। जबकि हर दिन झाडू लगाने वाली महिला कर्मचारी नियमित रूप से अपने काम को करती हैं, बावजूद इसके उन्हें वेतन के नाम पर चंद रुपए ही मिलते हैं, जबकि घर बैठकर नौकरी करने वालों को मोटी वेतन मिलती है।
मंत्री भी कर चुकी हैं कमेंट
शिवपुरी विधायक व कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने भी लालमाटी क्षेत्र में एक सडक़ का लोकार्पण करते समय जब प्रभारी सीएमओ से पूछा था कि नपा में सफाई कर्मचारी कितने हैं, तो उन्हें बताया गया कि चार सौ सफाईकर्मी हैं। यह सुनते ही मंत्री ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि इतना बड़ा सफाई अमला होने के बाद भी शहर के ऐसे हालात हैं। उन्होंने कहा था कि यदि इतना अमला मुझे मिल जाए तो मैं शहर को चमका कर रख दूंगीं।
शहर की बदहाली पर एक नजर
नगर के मुख्य बाजार में कचरे का डंपिंग स्टेशन बनाया गया है, जिसके चलते दिन भर का निकलने वाला कचरा बीच बाजार में फेंका जाने से वहां आसपास रहने वाले लोग व दुकानदार परेशान हैं।
शहर में नपा के 58 पार्कों में से सभी पार्कों के नाम पर माली की भर्ती की गई, लेकिन यह माली पार्कों में काम करने की बजाए अधिकारियों के बंगलों पर चाकरी कर रहे हैं। जिसके चलते शहर के
सभी पार्क बदहाल स्थिति में पड़े हुए हैं।
नपा में पंप अटेंडरों की संख्या भी 350 तक है, लेकिन इनमें से आधे से अधिक को तो यही पता नहीं है कि उनकी नियुक्ति किस ट्यूबवैल पर की गई है। क्योंकि वे कभी काम पर जाते ही नहीं हैं, बल्कि घर बैठे वेतन ले रहे हैं।
शहर के 39 वार्डो में से अधिकांश कॉलोनियों में कमीशन के फेर में बनाई गई चौड़ी नालियां गंदगी से लवरेज रहती हैं और इनकी वजह से सभी कॉलोनी-मौहल्लों में गंदगी नजर आती है।
नपा में कर्मचारियों की संख्या एक हजार से कुछ अधिक होगी। जिनका हर महीने वेतन 1.20 करोड़ रुपए बनता है। कर्मचारी काम करते हैं, अभी प्रोजेक्टों की वजह से शहर हौचपौच है।
जीपी भार्गव,सीएमओ नपा शिवपुरी
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