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शिवपुरी

भूमिपूजन के 14 माह बाद भी 226 करोड़ के सरकुला डैम का कार्य शुरू नहीं

पूर्व विधायक ने लगाए ठेकेदार पर गंभीर आरोप, सीएम तक भेजी शिकायत
 

शिवपुरीNov 22, 2021 / 10:57 pm

rishi jaiswal

भूमिपूजन के 14 माह बाद भी 226 करोड़ के सरकुला डैम का कार्य शुरू नहीं

भूमिपूजन के 14 माह बाद भी 226 करोड़ के सरकुला डैम का कार्य शुरू नहीं

शिवपुरी. जिले के पोहरी विधानसभा क्षेत्र में 14 माह पूर्व सरकुला डैम का भूमिपूजन हुआ, लेकिन उसका काम अभी तक शुरू नहीं हो सका। 226 करोड़ के इस प्रोजेक्ट के भूमिपूजन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरन्द्र सिंह तोमर, नरोत्तम मिश्रा भी पोहरी पहुंचे थे, लेकिन इतना लबा समय गुजरने के बाद अभी तक यह प्रोजेक्ट कागजों से निकलकर धरातल पर नहीं आ सका है। जबकि 6 करोड़ रुपए की भारी-भरकम राशि सर्वे के नाम पर खर्च कर दी गई। बांध निर्माण के ठेकेदार पर गंभीर आरोप लगाते हुए पोहरी के पूर्व विधायक ने बांध की डिजाइन बदले बिना उसे जल्द शुरू करने की मांग करते हुए सीएम व जल संसाधन मंत्री को पत्र भेजा है। प्रोजेक्ट के भूमिपूजन में राज्यमंत्री सुरेश राठखेड़ा ने नारा दिया था कि-शिवराज-सिंधिया आए हैं, गंगा मैया लाए हैं। लेकिन यह नारा सिर्फ नारा ही बनकर रह गया।
राजस्थान की सीमा से लगे हुए पोहरी विधानसभा क्षेत्र में रेगिस्तान बढ़ रहा है तथा भू-जल स्तर नीचे चले जाने की वजह से यहां हर साल गर्मियों में इतना भीषण जल संकट गहराता है कि पशुमालिक अपने पशुओं को जंगल में भगवान भरोसे छोड़ आते हैं। पोहरी में भूजल स्तर बढ़ाने तथा विधानसभा क्षेत्र के आधा सैकडा गांव को पानी व फसलों की सिंचाई के लिए सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यहां पूर्व विधायक प्रहलाद भारती के कार्यकाल में सरकुला डैम स्वीकृत हुआ था। यह अलग बात है कि डैम को स्वीकृति मिलने के बाद आचार संहिता लग जाने की वजह से भूमिपूजन नहीं हो पाया था और प्रदेश में कांग्रेस सरकार हटने के बाद इसका भूमिपूजन 11 सितंबर 2020 को हुआ था।

दो पहाडिय़ों के बीच बनना है डैम
सरकुला डैम पोहरी के जंगल में दो पहाडिय़ों के बीच में पानी को रोक कर बनाया जाएगा। जल संसाधन विभाग निर्माण एजेंसी होने के साथ ही इस काम को राजकमल बिल्डर्स इंदौर ने काम लिया है। इस काम को लेने के बाद अभी तक निर्माण कंपनी ने काम तो शुरू नहीं किया, लेकिन उसका पुन: सर्वे करने के नाम पर लगभग 6 करोड़ रुपए की राशि भी खर्च कर दी।
पूर्व विधायक भारती ने प्रोजेक्ट ठेेकेदार पर यह लगाए आरोप
– सरकुला सिंचाई परियोजना वर्ष 2018 में प्रदेश सरकार द्वारा 226.62 करोड़ की राशि से स्वीकृत की गई थी। इसका टेंडर सीएसआर दर से केवल 10 पैसे कम रेट पर इंदौर के मेसर्स राजकमल बिल्डर्स को दिया गया। ठेकेदार द्वारा स्वयं के आर्थिक हितों को साधने के लिए परियोजना के मूल स्वरूप में अनावश्यक बदलाव किया जा रहा है, जिससे इस सिंचाई परियोजना के अंतर्गत जो बांध निर्माण होगा, वह तकनीकी एवं गुणवत्ता की दृष्टि से कमजोर होगा, साथ ही प्रोजेक्ट के पूरा होने में भी देरी होगी।

– सरकुला परियोजना का टेंडर ठेकेदार द्वारा टर्न की पद्धति के आधार पर लिया गया है, जिसमें ठेकेदार को योजना में कुछ जरूरी परिवर्तन करने का अधिकार रहता है, लेकिन ठेकेदार द्वारा सरकुला परियोजना के मूल स्वरूप को ही बदलकर केवल अपने आर्थिक हितों को साधने के लिए अप्रांसगिक बदलाव किए जा रहे हैं।

– सरकुला परियोजना अपने मूल स्वरूप में सेंट्रल स्पिल-वे के रूप में स्वीकृत हुई थी, लेकिन अब ठेकेदार ने बांध के मूल स्वरूप को ही बदलकर इसे साइड स्पिल वे, कर दिया है। इसमें नदी के मुख्य हिस्से में पत्थरों का बांध बनाया जा रहा है, जो कि गुणवत्ता की दृष्टि से उचित नहीं है। ठेकेदार द्वारा स्वयं अधिक से अधिक आर्थिक लाभ अर्जित करने के चलते इस परियोजना के मूल स्वरूप को पूरी तरह से बदल दिया गया है।

– सरकुला सिंचाई परियोजना जिस नदी पर बन रही है वह नदी बारहमासी नदी नहीं है, बल्कि इस नदी में केवल नवंबर के महीने तक ही पानी का प्रवाह रहता है। ऐसी स्थिति में ठेकेदार ने रेनफॉल गणना के आंकड़े मैदानी अधिकारियों से तैयार ना करवाकर मनमाने तरीके से यह असंगत गणना कराई है, इसकी जांच किए जाने की जरूरत है।
मैं तो कर चुका हूं शिकायत: भारती
डैम निर्माण का काम ठेकेदार को बहुत अच्छी रेट में मिला है, फिर भी वो उसका स्वरूप बदलकर खुद मुनाफा कमाना चाहता है। मैं जब विधायक था तो पचीपुरा तालाब समय सीमा में बनवा दिया था। सरकुला डैम मैने ही स्वीकृत कराया था, मैने ठेकेदार की शिकायत भेज दी है।
प्रहलाद भारती, पूर्व विधायक पोहरी
क्लीयरेंस में लग रहा समय
डैम को बनाने से पहले फोरेस्ट सहित अन्य विभागों से क्लीयरेंस लेना है, जिसकी प्रक्रिया चल रही है। मैं जल्द ही दिल्ली महाराज (ज्योतिरादित्य सिंधिया) के पास जाकर इस काम को जल्दी शुरू करवाऊंगा, क्योंकि भूमिपूजन में वे भी आए थे।
सुरेश धाकड़, राज्यमंत्री व विधायक

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