शिवपुरी शहर में इस बार गर्मियों में सिध जलावर्धन योजना ने शहर में गहराने वाले पेयजल संकट को बहुत हद तक कंट्रोल करके रखा। क्योंकि साइकिल के ट्यूब में पंचर की तरह फूटी पाइप लाइनों को जोड़-जोडक़र शहर में पानी की सप्लाई की जाती रही। इस दौरान हफ्ते में दो बार लाइन फूटने और उस फूटी लाइन से लाखों लीटर पानी की बर्बादी का सिलसिला पूरी गर्मियों तक तो चला ही, अब बरसात में भी पाइप लाइन के ऐसे ही हालात हैं। मड़ीखेड़ा से आने वाला यह पानी लोगों के घरों तक नियमित पहुंचता रहे, तो भी गनीमत है, लेकिन पाइप लाइन लीकेज से एक तरफ पानी की बर्बादी हो रही है, वहीं लीकेज को सुधारने के लिए सप्लाई रोके जाने से शहर में कृत्रिम जल संकट उत्पन्न होता रहता है। जो पानी शहर में बर्बाद हो रहा है, उसकी 5 लाख रुपए प्रति माह राशि नगरपालिका को अदा करनी पड़ती है। यह अलग बात है कि उक्त राशि अभी तक एक भी बार नगरपालिका ने नहीं दी, तो मड़ीखेड़ा डैम प्रबंधन का कर्जा बढक़र 3 करोड़ रुपए हो गया।
पुलिस लाइन में दो जगह बर्बादी
पुरानी पुलिस लाइन में बायपास किनारे कंट्रोल रूम के पास बने हाईड्रेंट से लगातार पानी का फव्वारा निकलता रहता है, जिससे वहां आसपास ताल-तलैया जैसा नजर आने लगा है। इस लीकेज से चंद कदम आगे बढऩे पर नए ब्लॉक के पास बनाई गई नाली में भी हर दिन पूरे समय पाइप लाइन के लीकेज से पानी तेज प्रेशर में निकलकर बहता रहता है। चूंकि इसी लाइन से जनपद शिवपुरी के पास बनी पानी की टंकी व सब्जी मंडी वाली टंकी भरती है, इसलिए यहां पूरे समय पानी बहकर बर्बाद होता रहता है। पुलिस लाइन में पानी की बर्बादी होती रहती है तथा पुलिस विभाग के अधिकारी व लाइन में पानी की सप्लाई करने वाला पुलिसकर्मी भी इस बर्बादी को रोकने की दिशा में कोई पहल नहीं कर रहे।
पुरानी पुलिस लाइन में बायपास किनारे कंट्रोल रूम के पास बने हाईड्रेंट से लगातार पानी का फव्वारा निकलता रहता है, जिससे वहां आसपास ताल-तलैया जैसा नजर आने लगा है। इस लीकेज से चंद कदम आगे बढऩे पर नए ब्लॉक के पास बनाई गई नाली में भी हर दिन पूरे समय पाइप लाइन के लीकेज से पानी तेज प्रेशर में निकलकर बहता रहता है। चूंकि इसी लाइन से जनपद शिवपुरी के पास बनी पानी की टंकी व सब्जी मंडी वाली टंकी भरती है, इसलिए यहां पूरे समय पानी बहकर बर्बाद होता रहता है। पुलिस लाइन में पानी की बर्बादी होती रहती है तथा पुलिस विभाग के अधिकारी व लाइन में पानी की सप्लाई करने वाला पुलिसकर्मी भी इस बर्बादी को रोकने की दिशा में कोई पहल नहीं कर रहे।
बर्बादी रुकेतो नियमित मिले पर्याप्त पानी
शहर में पानी की बर्बादी पर यदि रोक लगा दी जाए तो काफी हद तक न केवल नपा पर हर महीने आ रहा पानी का 5 लाख का बिल कम हो जाएगा तथा शहरवासियो को नियमित पर्याप्त पानी मिलता रहेगा। इतना ही नहीं, लीकेज रुकने से शहर में पानी की टंकिया भरने के लिए आने वाला प्रेशर भी बढ़ेगा तथा आखिरी छोर वाले घर तक भी बिना टिल्लू के पानी पहुंच सकेगा।
शहर में पानी की बर्बादी पर यदि रोक लगा दी जाए तो काफी हद तक न केवल नपा पर हर महीने आ रहा पानी का 5 लाख का बिल कम हो जाएगा तथा शहरवासियो को नियमित पर्याप्त पानी मिलता रहेगा। इतना ही नहीं, लीकेज रुकने से शहर में पानी की टंकिया भरने के लिए आने वाला प्रेशर भी बढ़ेगा तथा आखिरी छोर वाले घर तक भी बिना टिल्लू के पानी पहुंच सकेगा।
तीन करोड़ का हो गया पानी का कर्जा
शिवपुरी शहर के लिए जो पानी की सप्लाई की दी जाती है, उसमें होने वाली पानी की खपत के अनुरूप ही हम नगरपालिका को बिल देते हैं। औसतन एक माह में 5 लाख रुपए का पानी का बिल हम नपा को देते हैं, वो अब 3 करोड़ रुपए का बिल हो गया है।
एसके अग्रवाल, ईई मड़ीखेड़ा डैम शिवपुरी
शिवपुरी शहर के लिए जो पानी की सप्लाई की दी जाती है, उसमें होने वाली पानी की खपत के अनुरूप ही हम नगरपालिका को बिल देते हैं। औसतन एक माह में 5 लाख रुपए का पानी का बिल हम नपा को देते हैं, वो अब 3 करोड़ रुपए का बिल हो गया है।
एसके अग्रवाल, ईई मड़ीखेड़ा डैम शिवपुरी
सुधरवाएंगे लीकेज
हां, यह बात सही है कि मड़ीखेड़ा का बिल हमारा पेंडिंग है, उसे भी अदा करने की कोशिश कर रहे हैं। शहर में पानी की बर्बादी न हो, बल्कि हर घर तक पानी पहुंच सके, इसका हम सतत प्रयास कर रहे हैं। क्योंकि बर्बाद होने वाले पानी का भी पैसा देना ही पड़ेगा।
जीपी भार्गव, सीएमओ नपा शिवपुरी
हां, यह बात सही है कि मड़ीखेड़ा का बिल हमारा पेंडिंग है, उसे भी अदा करने की कोशिश कर रहे हैं। शहर में पानी की बर्बादी न हो, बल्कि हर घर तक पानी पहुंच सके, इसका हम सतत प्रयास कर रहे हैं। क्योंकि बर्बाद होने वाले पानी का भी पैसा देना ही पड़ेगा।
जीपी भार्गव, सीएमओ नपा शिवपुरी