शिवपुरी में जब तक टइगर था, तब तक यहां विदेशी सैलानियों की आवाजाही रही और टाइगर के जाते ही शिवपुरी में विदेशी पर्यटकों का टोटा पड़ गया। एक लंबे अंतराल के बाद अब फिर से यहां टाइगर बसाने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। जिसके लिए नेशनल पार्क के अंदर बसे आधा दर्जन गांव तो खाली करवा लिए गए तथा टाइगर की सुरक्षा में महत्ती भूमिका अदा करने वाली ऊंची-ऊची घास के बीज खाली कराए गए गांव के खेतों में डाल दिए गए। जब तक यह घास तैयार होगी, तब तक नेशनल पार्क प्रबंधन टाइगर को लाने के लिए होने वाली अन्य औपचारिकताओं को पूरा कर रहा है। पार्क प्रबंधन का दावा है कि वर्ष 2022 मे टाइगर शिवपुरी के पार्क में घूमेंगे और इससे शिवपुरी सहित श्योपुर की इकोनॉमी में अप्रत्याशित बदलाव होंगे।
17 करोड़ का भेजा प्रस्ताव
नेशनल पार्क प्रबंधन ने टाइगर सफारी सहित अन्य व्यवस्थाओं के लिए 17 करोड़ रुपए का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा हैै। चूंकि बजट आदि मार्च के बाद ही जारी किया जाता है तथा इसके लिए दिल्ली में बीते 6 जनवरी को हुई बैठक में वरिष्ठ प्रबंधन ने हरी झंडी दे दी है। पार्क प्रबंधन भी आशान्वित है कि आगामी माह में शिवपुरी के नेशनल पार्क में टाइगर सफारी के लिए बजट आबंटित हो जाएगा।
उसके बाद टेंडर प्रक्रिया करके जल्द से जल्द तीन टाइगर के लिए डबल जाली का लंबा-चौड़ा पिंजरा बनाया जाएगा।
तब तक हो जाएगी वन्यजीवों की गणना
माधव नेशनल पार्क में भेजे जाने वाले टाइगरों के भोजन आदि के लिए शाकाहारी वन्यजीवों का आंकड़ा जब वाईल्ड लाइफ ने पार्क प्रबंधन से मांगा तो उन्होंने वर्ष 2018 में हुई गणना के आंकड़े प्रस्तुत कर दिए थे। इन तीन वर्षों में वन्यजीवों की संख्या में कोई बदलाव न हो गया हो, इसलिए प्राइवेट एजेंसी से वन्यजीवों की गणना की जिम्मेदारी दी है। जब तक बजट पास होगा, तब तक वन्यजीवों की गणना रिपोर्ट भी पहुंचा दी जाएगी।
माधव नेशनल पार्क में भेजे जाने वाले टाइगरों के भोजन आदि के लिए शाकाहारी वन्यजीवों का आंकड़ा जब वाईल्ड लाइफ ने पार्क प्रबंधन से मांगा तो उन्होंने वर्ष 2018 में हुई गणना के आंकड़े प्रस्तुत कर दिए थे। इन तीन वर्षों में वन्यजीवों की संख्या में कोई बदलाव न हो गया हो, इसलिए प्राइवेट एजेंसी से वन्यजीवों की गणना की जिम्मेदारी दी है। जब तक बजट पास होगा, तब तक वन्यजीवों की गणना रिपोर्ट भी पहुंचा दी जाएगी।
ओपन टाइगर रहेंगे पूरी तरह आजाद
नेशनल पार्क के अंदर 125 हेक्टेयर (625 बीघा) क्षेत्रफल एरिया में डबल जाली वाली टाइगर सफारी में जहां तीन टाइगर रहेंगे, जबकि नेशनल पार्क के ओपन फोरेस्ट में 5 टाइगर खुले में विचरण करेंगे। यह टाइगर पूरी तरह से आजाद होंगे और यह नेशनल पार्क से होते हुए सतनबाड़ा, पोहरी होते हुए श्योपुर के जंगल तक भी पहुंच सकता है। ओपन फोरेस्ट में घूमने वाले टाइगर सैलानियों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहेंगे।
नेशनल पार्क के अंदर 125 हेक्टेयर (625 बीघा) क्षेत्रफल एरिया में डबल जाली वाली टाइगर सफारी में जहां तीन टाइगर रहेंगे, जबकि नेशनल पार्क के ओपन फोरेस्ट में 5 टाइगर खुले में विचरण करेंगे। यह टाइगर पूरी तरह से आजाद होंगे और यह नेशनल पार्क से होते हुए सतनबाड़ा, पोहरी होते हुए श्योपुर के जंगल तक भी पहुंच सकता है। ओपन फोरेस्ट में घूमने वाले टाइगर सैलानियों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहेंगे।
सीसीएफ: जल्द ही लाएंगे टाइगर
&20 साल से पेंडिंग पड़े मामले को तीन माह पूर्व ही फिर शुरू किया है। पार्क के अंदर मौजूद गांव का मुद्दा तो सुलट गया, अब बजट स्वीकृत होने का इंतजार है, ताकि जल्द से जल्द सफारी के टेंडर करके वो काम पूरा कर लिया जाए। सफारी में 3 तथा 5 टाइगर ओपन में होंगे।
सीएस निनामा, सीसीएफ माधव नेशनल पार्क शिवपुरी
&20 साल से पेंडिंग पड़े मामले को तीन माह पूर्व ही फिर शुरू किया है। पार्क के अंदर मौजूद गांव का मुद्दा तो सुलट गया, अब बजट स्वीकृत होने का इंतजार है, ताकि जल्द से जल्द सफारी के टेंडर करके वो काम पूरा कर लिया जाए। सफारी में 3 तथा 5 टाइगर ओपन में होंगे।
सीएस निनामा, सीसीएफ माधव नेशनल पार्क शिवपुरी