scriptजर्जर भवन में पढऩे को मजबूर साढ़े तीन सौ बच्चे | 350 children forced to study in a dilapidated building | Patrika News

जर्जर भवन में पढऩे को मजबूर साढ़े तीन सौ बच्चे

locationशिवपुरीPublished: Dec 14, 2019 04:03:54 pm

Submitted by:

Rakesh shukla

60 साल से पुरानी हुई प्राइमरी स्कूल की इमारत, जिम्मेदार नही कराते मरम्मत

जर्जर भवन में पढऩे को मजबूर साढ़े तीन सौ बच्चे

जर्जर भवन में पढऩे को मजबूर साढ़े तीन सौ बच्चे

शिवपुरी/करैरा. ग्राम सिलानगर में स्थित शासकीय प्राथमिक विद्यालय की दीवारों में दरार आ गई है। यह भवन 60 साल पुराना है, जिसके चलते अब यह भवन धीरे-धीरे जर्जर हालत में पहुंच रहा है। इस समस्या को लेकर विद्यालय के प्रधानाध्यापक सहित समस्त शिक्षक ग्राम सभा की बैठक में नए भवन के लिए प्रस्ताव डाल चुके और शिक्षा विभाग को लिखित रूप में अवगत भी करा चुके है, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई।
सिलानगर प्राथमिक विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक उपेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय भवन को बने हुए करीब 60 से 65 साल हो गए। इस विद्यालय के सभी कमरे जर्जर हालत में है। बारिश के दिनों में सभी कक्षो की छतों से पानी टपकता है। ऐसे में बच्चों को बैठने तक में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। प्राइमरी में 126 व मिडिल स्कूल में 241 बच्चे है। यह विद्यालय एकीकृत है और दोनों एक साथ लगते हैं। ऐसे में करीब 350 बच्चों की जान पर हर वक्त खतरा मंडराता रहता है।
प्राइमरी के शिक्षक पढ़ा रहे मिडिल के बच्चो को
सिलानगर में एकीकृत प्राइमरी स्कूल के शिक्षक उपेंद्र श्रीवास्तव पिछले 22 सालों से मिडिल स्कूल के बच्चो को शिक्षा दे रहे हैं, जबकि प्राइमरी में शिक्षकों का अभाव बना है। किसी भी प्रकार का कोई भी अटेचमेंट आदेश न होने के बाद भी जन शिक्षा केन्द्र करैरा द्वारा एक प्राइमरी शिक्षक से मिडिल स्कूल के बच्चों को पढ़ाने का काम लिया जा रहा है जो कि नियम के विरूद्ध है।
गांव में बनी प्राथमिक विद्यालय की बिल्डिंग जर्जर हाल में है। वह काफी पुरानी है। भविष्य में कभी कोई हादसा न हो, इसके लिए शिक्षा विभाग और ग्राम पंचायत को जल्द से जल्द नवीन बिल्डिंग की व्यवस्था करना चाहिए।
नीलेश नीखरा ग्रामीण सिलानगर
हमारी बिल्डिंग जर्जर हाल में है। इस संबंध में हम सभी वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं। ग्राम सभा की बैठक में नए भवन को लेकर एक प्रस्ताव भी डाला था। अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई।
उपेंद्र श्रीवास्तव प्रभारी प्रावि.
हमारे पास अभी कोई प्रस्ताव नहीं आया है। जैसे ही प्रस्ताव आएगा तो बजट स्वीकृत होते ही नए भवन का निर्माण व पुराने भवन की मरम्मत करा दी जाएगी।
राजेन्द्र पंचवेदी, इंजीनियर शिक्षा विभाग

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