जानकारी के अनुसार कोलारस एसडीएम आशीष तिवारी को विभिन्न माध्यमों से सूचना मिल रही थी कि ग्राम साखनौद व पिपरौदा में अवैध उत्खननकर्ता सिंध नदी की कोख से पोकलेन व हिटैचियों से अवैध रूप से रेत का उत्खनन कर रेत को डंप कर रहे हैं। इस सूचना के आधार पर एसडीएम तिवारी ने माइनिंग ऑफीसर प्रमोद शर्मा व एसडीओपी अमरनाथ वर्मा के साथ पुलिस व प्रशासन की टीम बनाकर इन दोनों गावों में औचक छापामार कार्रवाई की। इस कार्रवाई के दौरान दोनों गावों में दो दर्जन से अधिक स्थानों पर बारिश के मौसम के चलते रेत के डंपिंग सेंटर बना दिए गए थे। खास बात यह है कि प्रशासन ने इतनी बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया परंतु एक भी अवैध उत्खननकर्ता नामजद नहीं है। प्रशासन द्वारा जब्त की गई रेत को रेस्ट हाउस कोलारस में डंपरों द्वारा रखवाया जा रहा है। एसडीएम के अनुसार यह पूरी रेत माइनिंग विभाग द्वारा नीलाम की जाएगी।
रेत का अवैध कारोबार करने वाले लोगों ने साखनोद व पिपरोदा गांव में आंगनबाड़ी केंद्र व स्कूल के खेल मैदान तक में रेत के डंपिंग सेंटर बना रखे थे। कई ग्रामीणों के घरों के पास रेत डंप मिली। इसके बाबजूद उत्खननकर्ता अज्ञात होने वाली बात प्रशासन द्वारा कहा जाना बेमानी सी लग रही है, क्योंकि अगर प्रशासन चाहे तो अवैध उत्खननकर्ताओं को उजागर करना अधिकारियों के लिए कोई बड़ी बात नहीं है। अगर ग्रामीण सूत्रों की बात मानें तो अधिकारियों को अवैध उत्खननकर्ताओं के नाम तक बताए गए हैं लेकिन ग्रामीण सामने नहीं आ सकते हैं। इसी का फायदा अधिकारी उठा रहे हैं और अवैध उत्खनन करने वालों को स्पष्ट रूप से बचा रहे हैं।
विगत वर्ष भी जप्त की थी रेत, हुई खुर्दबुर्द
यहां उल्लेख करना होगा कि विगत वर्ष भी यहां प्रशासन ने लाखों रुपए की डंप रेत जब्त की थी और उस समय भी किसी भी अवैध उत्खननकर्ता का नाम उजागर नहीं हुआ था और बाद में पूरी रेत खुर्दबुर्द कर दी गई थी। विश्वसनीय सूत्रों ने बताया है कि रेत के परिवहन के लिए जो आठ डंपर लगाए हैं, उनमें से दो डंपर पंचर हो गए हैं व तीन चार डंफरों का डीजल खत्म हो चुका है। ऐसे में रात तक पूरी रेत का परिवहन हो पाना नामुमकिन है। इसके बाद शेष बची रेत को खुर्द-बुर्द करने में रेत माफिया सफल हो सकते हैं। ग्रामीण सूत्रों की मानें तो यह पूरी रेत उन्हीं लोगों द्वारा उत्खनित करके डंप की गई है, जो कि प्रशासन की टीम के सामने पूरी कार्रवाई को देख रहे थे। गांव के मुखिया सहित कोलारस के कुछ लोग इस पूरे गौरखधंधे में शामिल है। अवैध उत्खनन के इस खेल में पंचायत के जिम्मेदार भी जुड़े हुए हैं।
अभी भी दर्जनो स्थानो पर डंप है रेत
रेत का अवैध भंडारण केवल साखनौर व पिपरौदा में अकेले नही है। इसके अलावा कोलारस में डेढ़ दर्जन स्थानों के साथ बदरवास, लुकवासा आदि स्थानों पर भी सैकड़ों ट्रॉली रेत डंप करके माफियाओं द्वारा रखी गई है। हालांकि प्रशासन की टीम का कहना है कि वह सभी स्थानों पर कार्रवाई करेंगे। लेकिन ऐसा संभव होगा, यह तो आने वाला समय ही बता पाएगा। रविवार को कार्रवाई भी तब हुई है जब एक महीने से लगातार एसडीएम, पुलिस से लेकर कलेक्टर तक लोगो ने शिकायतें की हैं।
– कुछ ग्रामीणों व अन्य माध्यमों से इन दोनों गांवो में रेत डंप होने की सूचना मिली थी। करीब 15 लाख रुपए कीमत की करीब 500 ट्रॉली रेत को जब्त कर कोलारस रेस्ट हाउस में रखवाया जा रहा है। रेत किन लोगो ने डंप की है उनको भी चिह्नित करने का काम किया जाएगा। आगे रेत की माइनिंग विभाग द्वारा नीलामी की कार्रवाई की जाएगी।
आशीष तिवारी, एसडीएम, कोलारस