आपको बतादें कि बदरवास नगर में आतिशबाजी गोदाम में लगी आग में घटना वाले दिन ही 4 लोगो की मौत हो गई थी, जबकि बुरी तरह से झुलसे आठ लोगों को इंदौर के चिरायु अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जिनमें शामिल आठ वर्षीय आफरीन ने शनिवार को दम तोड़ दिया था, जबकि रविवार को 14 वर्षीय खुशी पुत्री पप्पू मंसूरी एवं उसकी मां फेमिना (45) पत्नी पप्पू मंसूरी ने दम तोड़ दिया।
तो बताने लगे लोगों को दोषी
रिहायशी इलाके की तंग गली में बन रही आतिशबाजी की जानकारी कुछ प्रशासनिक अधिकारी-कर्मचारियों को भी थी। आतिशबाजी बनाने का काम परिवारजनों के अलावा बाहर से आने वाले दूसरे कर्मचारी भी करते थे। अब जबकि इतना गंभीर हादसा हो गया तो जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी इसमें स्थानीय नागरिकों को दोषी ठहराते हुए कह रहे हैं कि यदि कुछ गलत हो रहा था, तो कम से कम हमें सूचना देनी चाहिए थी।
दो बार पहले भी हो चुका था हादसा
बदरवास में इस घटना के पीछे बड़ी प्रशासनिक लापरवाही भी सामने आई. क्योकि जिस जगह विस्फोट हुआ है, वहां इससे पहले दो बार न केवल इसी तरह का हादसा हुआ, बल्कि 6 लोगों की जान पहले भी जा चुकी थी। इतना सब होने के बाद भी लायसेंस देने वाले प्रशासनिक जिम्मेदारों ने यह जानने का प्रयास नहीं किया था कि रिहायशी इलाके में आतिशबाजी बन रही है, अथवा नहीं।
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सिंधिया व प्रभारी मंत्री ले रहे अपडेट
बदरवास नगर में बीते 12 अप्रैल को हुए आतिशबाजी गोदाम में विस्फोट के बाद प्रशासन ने भले ही झुलसे हुए लोगों को अपने हाल पर छोड़ दिया हो, लेकिन केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया एवं प्रभारी मंत्री महेंद्र सिंह सिसौदिया लगातार अपडेट ले रहे हैं।