जानकारी के अनुसार लुकवासा स्वास्थ्य केंद्र पर दोपहर तीन बजे सारा काम सामान्य रूप से चल रहा था, इसी दौरान दो गर्भवती महिलाएं अस्पताल में चैकअप कराने आईं, उन्हें लेकर नर्सिंग स्टाफ लेवर रूम में गईं थीं। इसी दौरान अचानक स्वास्थ्य केंद्र में मेटरनिटी ड्यूटी रूम में रखे फ्रिज में आग लग गई। स्वास्थ्य केंद्र में अग्निशमन यंत्र न होने के कारण अस्पताल का स्टाफ आग पर काबू नहीं पा सका और आग भडक़ गई।
देखते ही देखते अस्पताल में भगदड़ की स्थिति निर्मित हो गई, अस्पताल में चीख पुकार देखकर आस पास के लोग वहां आए तथा रेत तथा पानी डाल कर आग पर काबू पाया। जिस समय आगजनी की घटना घटित हुई उस समय ड्यूटी रूम में कंचन परिहार की दूधमुंही बच्ची सो रही थी, जो बाल बाल बच गई। इस घटना में एएनएम का ड्यूटी रिकॉर्ड, दवाएं, फ्रिज जल गया। घटना के बाद फ्रिज को एक सरिए के माध्यम से खींच कर अस्पताल के बाहर निकाला, और आग पर काबू पाया जिससे कंप्रेशर नहीं फटा अन्यथा बड़ा हादसा हो सकता था। घटना के बाद स्टाफ ने मामले की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को दी, कोलारस में पदस्थ डॉ. आनंद जैन को मौके पर भेजा जिन्होंने मामले की सूचना लुकवासा चौकी में देकर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली।
जला रिकॉर्ड, मोबाइल की रोशनी में कराया प्रसव
फ्रिज में आग लगने की घटना के बाद लुकवासा स्वास्थ्य केंद्र में एक प्रसूता प्रसव के लिए पहुंची, लेकिन लेवर रूम में धुंआ भरा हुआ था व अस्पताल की लाइट चली गई थी। ऐेसे हालातों में डंगौरा से प्रसव के लिए आई प्रसूता किरण पत्नी जितेंद्र पाल उम्र २२ साल को प्रसव पीड़ा बढऩे पर उसका प्रसव दूसरे कमरे में जमीन पर लिटा कर मोबाइल की रोशनी में कराना पड़ा। देर रात आठ बजे तक अस्पताल में ब्लैक आउट की स्थिति बनी हुई थी। अस्पताल में एक और प्रसूता शिवकुमार पत्नी विकास कुशवाह उम्र २६ साल निवासी दीघौद कंचनपुरा भर्ती है, अगर रात में इस प्रसूता की प्रसव पीड़ा बढ़ी तो इसका प्रसव भी मोबाइल की रोशनी में ही कराना पड़ेगा।े
कुछ समय पहले जब लुकवासा गया था तब वहां दो अग्निशमन यंत्र देखे थे, आगजनी के समय वह अग्निशमन यंत्र कहां चले गए पता करता हूं।प्रसूताओं के लिए के लिए बेहतर व्यवस्था करवाता हूं।
डॉ. एएल शर्मा, सीएमएचओ