ग्वालियर लोकायुक्त के निरीक्षक कविंद्र सिंह चौहान ने बताया कि नरवर के ग्राम निजामपुर में रहने वाले गोविंद सिंह कुशवाह की बहू हरदेवी की डिलीवरी हुई थी, जिसके एवज में उसे जननी सुरक्षा योजना के तहत 1400 रुपए तथा संबल योजना के तहत 10600 रुपए, यानि कुल 12000 रुपए की शासकीय राशि मिलनी थी। गोविंद सिंह ने जब नरवर अस्पताल में पदस्थ ललित कुमार मौर्य से शासन की ओर से मिलने वाली सहायता राशि देने की बात कही तो ललित ने कहा कि 10 प्रतिशत कमीशन देना पड़ेगा। गोविंद सिंह ने तभी यह तय कर लिया कि लेखापाल को रिश्वत के मामले में पकड़वाना है। जिसके चलते गोविंद सिंह ने पहले लेखापाल की रिश्वत मांगने की ऑडियो रिकॉर्डिंग अपने मोबाइल में कर ली और फिर जब उसने पहली किश्त के रूप में 600 रुपए दिए तो उसकी भी अपने मोबाइल से वीडियो बना ली।
दोनों रिकॉडिंग लेकर गोविंद सिंह लोकायुक्त ग्वालियर एसपी के पास पहुंचा। लोकायुक्त पुलिस ने ऑडियो व वीडियो रिकॉर्डिंग को देखने के बाद लेखापाल ललित कुमार मौर्य के खिलाफ पहले प्रकरण दर्ज कर लिया और फिर बुधवार को टीम नरवर अस्पताल पहुंच गई। फरियादी गोविंद सिंह को पाउडर लगे नोट देने के बाद लोकायुक्त की टीम अस्पताल में आसपास फैल गई और जैसे ही गोविंद सिंह ने ललित को नोट दिए तो लोकायुक्त की टीम ने उसे मौके पर दबोच लिया। जब उसके हाथ धुलवाए तो गुलाबी हो गए। लोकायुक्त पुलिस ने लेखापाल के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया।
नरवर के ग्राम निजामपुर के रहने वाले गोविंद कुशवाह ने ग्वालियर आकर रिश्वत के रूप में 600 रुपए दिए जाने की ऑडियो व वीडियो रिकॉर्डिंग उपलब्ध कराईथी। मंगलवार को लेखापाल ललित कुमार मौर्य के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर बुधवार को उसे रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोच लिया। कार्रवाई के बाद अस्पताल स्टाफ गायब हो गया तथा बीएमओ ने मोबाइल स्विच ऑफ कर लिया।
कविंद्र सिंह चौहान, इंस्पेक्टर लोकायुक्त ग्वालियर