बताया जाता है कि इस साल मार्च मेंं भारतीय दूतावास अधिकारियों और सऊदी के श्रम मंत्रालय के अधिकारियों के बीच इस बारे में एक समझौता हुआ था।
यह साल खत्म होने जा रहा है, लेकिन समझौते के मुताबिक कंपनी ने अभी तक मजदूरों को वापसी का वीजा मिलने के लिए जरूरी कागजातों को तैयार कर आगे बढ़ाने की जरूरी कार्रवाई नहीं की है। इन कागजातों और आधिकारिक कार्रवाई के बिना ये मजदूर भारत नहीं लौट सकते हैं।
वहां फंसे तमिलनाडु के रहने वाले एक मजदूर ने बताया कि उन्हें जब आखिरी बार वेतन मिला था तो उसे उन्होंने अपनी बीमार मां की जरूरतों के लिए घर भेज दिया था। उन्होंने बताया कि कंपनी हमारे लौटने की राह में रोडे अटका रही है।हम केवल हमारा बकाया वेतन लेकर घर लौटना चाहते हैं।
मजदूरों ने बताया कि सऊदी अरब के एक सामाजिक कार्यकर्ता शमसुद्दीन चेट्टीपादी इन मजदूरों की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं। मजदूरों ने बताया कि यहां हालत बहुत खराब है। यहां सबने काफी लंबे समय से तकलीफें सह ली हैं। अब समय है कि सरकार पूरे निश्चय के साथ स्थिति से निपटे और हमें घर लौटने में मदद करे।