अभियोजन के मुताबिक करैरा के ग्राम सिरसौद निवासी हेपेन्द्र कुमार झा ने 8 जून 2015 को लोकायुक्त ग्वालियर में शिकायत दर्ज कराई थी कि करैरा तहसील में पदस्थ एएसएलआर राकेश गुप्ता उनकी गांव में मौजूद पैतृक जमीन का सीमांकन करने के एवज में 15 हजार रुपए की मांग कर रहा है। इस मामले में लोकायुक्त पुलिस ने हेपेन्द्र के साथ योजनाबद्ध तरीके से एएसएलआर गुप्ता को 17 जून को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया था। इसके बाद पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश किया। कोर्ट ने सुनवाई के बाद आरोपी राकेश को दोषी मानते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 में 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 5000 रुपए के अर्थदण्ड और धारा 13 1 डी 13, 2 में 5 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 7000 रुपए के अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया गया है। यहां बता दें कि पिछले 5 महीनों में इस कोर्ट से भ्रष्टाचार के मामले में चार अधिकारी व कर्मचारियों को सजा हो चुकी है।