इस मौके पर जिला कार्यक्रम अधिकारी डीके सुन्दिरियाल ने एक कुपोषित बच्चे के घर 4 फलदार पौधे लगाकर इस मुहिम की शुरुआत की। उन्होंने हितग्राही को यह जिम्मेदारी दी कि यह पौधा भी जीव की तरह है। इसकी देखरेख करना आपका पहला कर्तव्य है। आने वाले समय में इसी पौधे से मिलने वाले फल आपकी सेहत बनाने में काम आएंगे।
संस्था के प्रमोद गोयल ने कठमई एवं चिटोरीखुर्द में कुपोषित बच्चों के घर रोपित किए गए पौधों की निगरानी करने की जिम्मेदारी ली एवं हितग्राहियों के घर लगाए गए पौधे की सुरक्षा पर विशेष जोर दिया। इस अवसर पर सुपोषण सखियों, परियोजना अधिकारी पवन तिवारी एवं कार्यक्रम में उपस्थित वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, महिला बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक प्रतिभा अवस्थी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शंशीकांता भार्गव ने भी पौधे रोपे कार्यकम मे कुपोषित बच्चों के घर पर ही लौकी, टमाटर, तोरई, पालक के बीज लगवाने वाली एवं पोषण वाटिका लगाने में उम्दा काम करने वाली सुपोषण सखी कल्लो आदिवासी एवं नीलम प्रजापति को जिला कार्यकम अधिकारी डीके सुन्दिरियाल एवं एसडीओ राजौरा ने उपहार देकर सम्मानित किया।