scriptमौके पर मकान, रिकार्ड में जमीन ही नहीं | Colonizers did land scam in most of the colonies of the city | Patrika News

मौके पर मकान, रिकार्ड में जमीन ही नहीं

locationशिवपुरीPublished: Aug 06, 2022 01:53:20 pm

Submitted by:

sanuel Das

मौके पर मकान, रिकार्ड में जमीन ही नहींशहर की अधिकांश कॉलोनियों में कॉलोनाइजरों ने किया जमीन घोटालातहसील में नामांतरण न होने से परेशान होकर भटक रहे भवन मालिक

मौके पर मकान, रिकार्ड में जमीन ही नहीं

मौके पर मकान, रिकार्ड में जमीन ही नहीं


मौके पर मकान, रिकार्ड में जमीन ही नहीं
शहर की अधिकांश कॉलोनियों में कॉलोनाइजरों ने किया जमीन घोटाला
तहसील में नामांतरण न होने से परेशान होकर भटक रहे भवन मालिक
शिवपुरी। शिवपुरी शहर में कई ऐसी कॉलोनियां हैं, जिनमें मकान तो बनकर तैयार हो गए, लेकिन जब भवन मालिक नामांतरण करवाने तहसील पहुंचे तो रिकार्ड में जमीन ही नहीं बची। यानि धरातल पर तो जमीन व मकान है, लेकिन रिकार्ड में जमीन ही नहीं है। यह पूरा घोटाला कॉलोनाइजरों ने पटवारियों व राजस्व के जिम्मेदारों के साथ मिलकर कर दिया। तहसील कार्यालय में नामांतरण के लिए परेशान हो रहे लोग आए दिन चक्कर लगा रहे हैं। इनमें सबसे अधिक परेशान वो लोग हो रहे हैं, जिन्हें मकान बनाने के लिए बैंक से लोन लेना है, क्योंकि जब तक नामांतरण नहीं होगा, तब तक लोन के लिए जरूरी दस्तावेज पूरे नहीं माने जाएंगे।
ऐसे समझें लोगों की परेशानी
दो प्लॉट 1600 वर्गफीट, 350 वर्गफीट जमीन गायब
शिवपुरी शहर में रहने वाले खरैसिंह व उदय सिंह ने पीएस होटल के पीछे दो प्लॉट 800-800 वर्गफीट के लिए हैं। जिसमें मकान का काम चल रहा है तथा दीवारें तैयार होकर छत का काम शुरू होने वाला है। उक्त प्लॉट के नामांतरण करवाने जब तहसील कार्यालय में पहुंचे तो वहां बताया गया कि एक प्लॉट में 300 वर्गफीट जमीन कम है, जबकि दूसरे प्लॉट में 50 वर्गफीट कम है। तहसील कार्यालय के कर्मचारियों का कहना है कि कॉलोनाइजर ने उक्त खसरा नंबर में जितने प्लॉट काटे हैं, उनमें अब 1250 वर्गफीट ही जगह बची है तो इतनी जमीन कम करवाकर नामांतरण करवा लो। ऐसे में जबकि भवन 1600 वर्गफीट पर बन रहे हैं, लेकिन नामांतरण 1250 वर्गफीट का वो कैसे करवाएगा। इतना ही नहीं भवन मालिक को अब मकान बनाने के लिए लोन नहीं मिल पा रहा, क्योंकि उसका नामांतरण नहीं हो पा रहा।
1000 वर्गफीट में मकान, जमीन बची 700 वर्गफीट
इसी तरह एसपी कोठी के पीछे सिटी सेंटर कॉलोनी के पास पुष्पा के नाम से 1 हजार वर्गफीट का प्लॉट लेकर भवन बनाया गया। मकान बनाने के बाद जब नामांतरण करवाने के लिए जब वकील को पटवारी के माध्यम से आवेदन तहसील में पेश करवाया। कुछ महीने तक तो पटवारी अन्य दूसरे बहाने बनाकर मामले को लटकाए रहा और फिर छह माह बाद बोला कि वहां पर रिकार्ड में एक हजार वर्गफीट जमीन नही है और वहां पर महज 700 वर्गफीट जमीन ही बची है। एक हजार वर्गफीट जमीन पर मकान बनने के बाद वो 700 वर्गफीट जमीन का नामांतरण करवाने के लिए तैयार नहीं हुईं। उनका नामांतरण का मामला अभी तक पेंडिंग पड़ा है।
ऐसे रिकार्ड से गायब हो रही जमीन
शिवपुरी के कॉलोनाइजर शहर के आसपास खेत खरीदकर उसमें प्लॉटिंग करते हैं। जो जमीन खरीदते हैं, वो तहसील के रिकार्ड में कुल रकवा नजर आता है। कॉलोनाइजर पहले उक्त जमीन पर प्लॉट काटता है तथा उसमें सडक़ व पार्क आदि के लिए जगह छोड़ता है। काटे गए प्लॉट का नामांतरण होने के बाद भी जब कॉलोनाइजर को रिकार्ड के खसरे में जमीन नजर आती है तो वो उसका भी सौदा कर देता है। यानि वो सडक़ की जमीन भी बेचकर पूरी जमीन का नामांतरण करवा देता है। ऐसे में जो प्लॉट मालिक नामांतरण करवाने में देरी कर देते हैं, फिर उन्हें रिकार्ड में जमीन ही नहीं मिलती।
बोले तहसीलदार: आ रहे हैं ऐसे कई मामले
रिकार्ड के खसरे में जितनी जमीन होती है, उससे अधिक कॉलोनाइजर जमीन का सौदा करके प्लॉट काट देता है, जिस वजह से यह परेशानी आती है। ऐसे कई मामले सामने आ रहे हैं। इसमें प्लॉट मालिक को कॉलोनाइजर के खिलाफ सिविल में मामला लगाना चाहिए।
नरेशचंद्र गुप्ता, तहसीलदार शिवपुरी
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