शिवपुरी जेल में विभिन्न अपराधों में संलिप्त बंदियों को न्यायालय से तो जमानत मिल रही है, लेकिन जेल में रिहाई का परवाना पहुंचने के बाद भी बंदियों को उसी दिन नहीं छोड़ा जा रहा, बल्कि उन्हें दो दिन तक जेल में ही रखा जा रहा है तथा जेल से रिहाई करने से पूर्व बंदी का कोरोना का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा जा रहा है। चूंकि जिस दिन सैंपल भेजा जाता है, उसके अगले दिन शाम तक उसकी रिपोर्ट आती है। जब बंदी की रिपोर्ट नेगेटिव आ जाती है तो फिर उसे जेल से रिहाई मिल रही है। इस तरह बंदी को न्यायालय तो जमानत दे रहा है, लेकिन कोरोना उसे दो दिन तक और जेल में बंद रहने के लिए मजबूर किए हुए है।
घर वाले कर रहे थे इंतजार, नहीं आया छूटकर
शहर का एक युवक एक मामले में जेल में बंद है और उसको न्यायालय से बुधवार को जमानत भी मिल गई। उसकी जमानत की रिहाई का परवाना लेकर उनके परिजन जब देर शाम जेल पहुंचे तो वहां पर उनसे कह दिया कि दो दिन बाद रिहाई की जाएगी। यह बात सुनकर परिजनों की खुशी काफूर हो गई, क्योंकि वे इतने दिनों से घर वापसी का इंतजार कर रहे थे और कोरोना ने दो दिन और जेल में रहने की सजा बढ़ा दी।
जेल में ही बनाया आईसोलेशन वार्ड
कोरोना संक्रमण को देखते हुए शिवपुरी की नई जेल में ही एक बड़े हॉल को आईसोलेशन वार्ड के रूप में तैयार किया गया है। जहां यदि कोई संक्रमित बंदी आता है या जांच में निकलता है, तो उसे अन्य बंदियों से अलग करके इस वार्ड में भर्ती किया जाए, हालांकि अभी तक इस वार्ड में कोई कोरोना पॉजिटिव बंदी भर्ती नहीं किया गया, लेकिन जब भी कोई नया बंदी जेल में आता है, तो उसे पहले 14 दिन तक इस वार्ड में रखा जाता है, उसके बाद उसे बैरक में शिफ्ट करते हैं।
जेल में ही बन रहे कोरोना के सुरक्षा कवच
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क व सोशल डिस्टेंसिंग को महत्वपूर्ण माना गया है। प्रदेश में कोरोना वायरस के प्रवेश करते ही शिवपुरी जेल में बंदियों द्वारा मास्क बनाने का काम शुरू कर दिया गया था। अभी तक हजारों मास्क बनााकर शासकीय विभागों में दिए गए हैं। जिसमें स्वास्थ्य, जिला पंचायत, पुलिस विभाग सहित अन्य विभाग शामिल हैं। यानि जेल में कोरोना संक्रमण से बचाव के सुरक्षा कवच भी तैयार हो रहे हैं।
बोले जेलर: उच्च न्यायालय का है आदेश
उच्च न्यायालय से होने वाली जमानत के साथ ही एक टीप भी लगती है कि बंदी की रिहाई से पहले उसकी कोविड-19 की जांच करवाई जाए। जिस न्यायालय में जमानत भरवाई जाती है, वहां से भी इस टीप को अंकित करके परवाना भेजा जाता है। इसलिए बंदी को दो से तीन दिन तक जेल में रोका जा रहा है।
अतुल सिन्हा, जेलर शिवपुरी