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सावधान ! शहर में विचरण कर रहे मगरमच्छ

locationशिवपुरीPublished: Jul 18, 2018 10:50:31 pm

Submitted by:

Rakesh shukla

असुरक्षित शहरवासी, नालों के आसपास रहने वाले रहें सचेत

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सावधान ! शहर में विचरण कर रहे मगरमच्छ


शिवपुरी. शहर की सडक़ों व व्यस्ततम इलाकों में इन दिनों मगरमच्छ स्वच्छंद विचरण कर रहे हैं, जिससे लोगों को खतरा बना हुआ है। स्थिति यह हो गई है कि नाइट गश्त के लिए निकल रहे पुलिसकर्मियों को मगरमच्छ पकडऩा पड़ रहे हैं। शहर के नजदीक जलाशयों व नालों में मगरमच्छों की तादाद बढऩे से शहरवासियों की सुरक्षा खतरे में है, जिसमें विशेषकर नालों के नजदीक रहने वाले परिवारों को अधिक सचेत रहने की जरूरत है। वहीं दूसरी ओर नेशनल पार्क प्रबंधन का मानना है कि मगरमच्छों की संख्या अधिक नहीं है, यह तो दो-तीन माह पूर्व जन्मे बच्चे हैं, जो नालों के रास्ते शहर में आ रहे हैं, इन्हें नुकसान न पहुंचाएं बल्कि तत्काल सूचना दें।
गौरतलब है कि पिछले तीन दिन से लगातार रात होते ही मगरमच्छ के बच्चे शहर के व्यस्ततम इलाकों में टहलते हुए नजर आ जाते हैं। मंगलवार की रात पोहरी रोड स्थित लायंस चौक के पास लगभग तीन फीट लंबा मगरमच्छ सडक़ के फुटपाथ पर घूमता स्थानीय लोगों को नजर आया। तत्काल डायल-100 को सूचना दी तो पुलिस जवानों ने उसे रस्सी से ऐसे बांध दिया, मानों कोई मवेशी पकड़ा हो। ज्ञात रहे कि एक दिन पूर्व सोमवार की रात इसी क्षेत्र में स्थित पुलिस बैरक में एक मगरमच्छ ने पुलिस आरक्षक के हाथ को जबड़े में फंसाकर जख्मी कर दिया। उसी रात को टीवी टॉवर के पास फिजिकल रोड पर भी एक मगरमच्छ पकड़ा गया। जबकि रविवार की शाम को झांसी रोड हवाई पट्टी के सामने एक वाटर सप्लायर के घर में मगरमच्छ का बच्चा निकला, उसे भी डायल-100 ने ही पकडक़र पार्क प्रबंधन के हवाले किया।
हर साल बढ़ रही मगरमच्छों की संख्या
शिवपुरी में मगरमच्छ स्वत: ही नहीं आए, बल्कि मई 1979 को क्रोकोडायल बैंक मद्रास से 10 मगरमच्छों को लाकर सांख्य सागर झील (चांदपाठा) में छोड़ा गया था। उसके बाद से मगमरच्छों की संख्या में गुणात्मक वृद्धि होती चली गई। हर साल मादा मगरमच्छ झील व नालों के आसपास भुरभुरी मिट्टी में अंडे देती हैं और एक बार में दो से तीन दर्जन मगरमच्छ के बच्चे पैदा होते हैं। यही वजह है कि अब मगरमच्छों की संख्या इतनी अधिक हो गई कि वो जलाशय छोडक़र शहर की ओर निकल पड़े हैं। महत्वपूर्ण बात यह है कि चांदपाठा झील में मगरमच्छों की संख्या बढऩे से पिछले दो साल से शहर में पकड़े जाने वाले मगरमच्छों को अमोला सिंध नदी में छोड़ा जा रहा है।
इसलिए शहर में आ रहे मगरमच्छ
सिंधिया स्टेट के समय में जब शिवपुरी को बसाया गया तो शहर के आसपास 18 तालाब बनाए जाने के साथ ही उन्हें इंटर कनेक्टिंग नालों के माध्यम से जोड़ा गया। शहर में भू-माफिया हावी हुआ और 14 तालाबों को निगल गया। उन तालाबों को जोडऩे वाले नाले भी अब कॉलोनियों के बीच नालियों में तब्दील हो गए। चूंकि मगरमच्छों को अपने पुराने रास्ते पता हैं, इसलिए वे उन्हीं नालों से होकर एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं। अब जबकि नालों पर ही कब्जे करके लोगों ने भवन बना लिए, तो मगरमच्छों के रास्ते बंद हो जाने से वो रास्ता भटक कर उन कॉलोनियों व शहर के रास्तों पर नजर आ रहे हैं।
यह रखें सावधानी
बरसात होते ही जब नालों में पानी का बहाव तेज होता है, तो मगरमच्छ उसके विपरीत चलकर किनारों पर आ जाते हैं। फिर शिकार की तलाश में यहां-वहां घूमते हैं। नालों के आसपास स्थित कॉलोनियों में रहने वाले लोग सचेत रहें।
घरों के आसपास स्ट्रीट लाइट या निजी बल्व से रोशनी रखें, ताकि घर के आसपास विचरण करने वाले मगरमच्छों को आसानी से देखकर दूरी बनाई जा सके।
छोटे बच्चों पर विशेष निगाह रखें, क्योंकि उन्हें मगरमच्छ आसानी से अपना शिकार बना सकता है। यदि मगर दिखाई दे, तो उसके साथ छेड़छाड़ न करते हुए नजर बनाए रखें तथा पार्क प्रबंधन को सूचना दें।
मगरमच्छ दिखाई देने पर इन नंबरों पर सूचना कर सकते हैं। रेसक्यू प्रभारी डॉ. जितेंद्र जाटव: 94247948 14, असि. डायरेक्टर बीएस यादव: 94247948 06 , प्रभारी डायरेक्टर नेशनल पार्क: 94247948 05, पर कॉल करें।
शिवपुरी शहर में हर साल बरसात में मगरमच्छ निकलते हैं। इस बार बच्चे अधिक निकल रहे हैं। यह आक्रामक नहीं हैं, इसलिए इनके साथ कोई आक्रामक व्यवहार न करें, बल्कि हमें सूचना दें। इन दिनों हमारी रेसक्यू टीम पूरी रात मगरमच्छों को शहर से पकडक़र सुरक्षित जलाशयों में छोड़ रहे हैं।
बीएस यादव, असि. डायरेक्टर माधव नेशनल पार्क
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