scriptबढ़ते तापमान से मिट्टी की नमी होने लगी कम, बीजों को नुकसान | Damage to crops due to non-rain | Patrika News

बढ़ते तापमान से मिट्टी की नमी होने लगी कम, बीजों को नुकसान

locationशिवपुरीPublished: Jul 18, 2019 04:05:55 pm

Submitted by:

Rakesh shukla

बारिश न होने से फसलों को नुकसान, कृषि वैज्ञानिक बोले-अवर्षा के बीच फसल पर संकट के बादल

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बढ़ते तापमान से मिट्टी की नमी होने लगी कम, बीजों को नुकसान

शिवपुरी. जिले में बारिश में हो रही देरी के चलते हर वर्ग चिंतित है, क्योंकि बोवनी के दौरान जो नमी खेतों में थी, वो बीते आठ दिन से बढ़ रहे तापमान के चलते कम होती जा रही है। कृषि वैज्ञानिक का कहना है कि अवर्षा के बीच फसल पर संकट के बादल गहराए हुए हैं। कृषि उप संचालक का कहना है कि 22 जुलाई तक यदि बारिश हो जाती है तो बिगड़ती फसल सुधर जाएगी। वर्षा न होने से जिले में सबसे अधिक बोई गई सोयाबीन की फसल को अधिक खतरा है।

गौरतलब है कि बीते 8 जुलाई को हुई बारिश के बाद मानसून कुछ ऐसे रूठे कि यह अहसास ही खत्म हो गया कि बरसात का मौसम है। दिनोंदिन तापमान बढ़ रहा है और बुधवार को अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। पूर्व में हुई बारिश के बीच जिले भर में सोयाबीन की बोवनी कर दी गई और वर्तमान में कुछ जगह बीज अंकुरित हो गया तो कुछ अभी मिट्टी के ऊपर ही पड़ा है। तापमान बढऩे के साथ चलने वाली हवा से खेतों में मिट्टी के बीच मौजूद नमी वाष्पीकृत होकर खत्म हो रही है। जिसके चलते जो पौधे अंकुरित हो गए हैं, वे सूख जाएंगे, यदि जल्दी ही बारिश नहीं हुई तो। हालांकि उड़द व मूंग की बोवनी में अभी समय है, लेकिन सोयाबीन की बोवनी का समय खत्म हो गया है। कृषि उप संचालक के मुताबिक जिले में दिए गए 3 लाख 45 हजार हेक्टेयर के विरुद्ध 95 फीसदी बोवनी हो चुकी है। ज्ञात रहे कि बीते वर्ष अभी तक हुई बारिश का आंकड़ा भले ही इतना नहीं था, लेकिन वो रुक-रुककर होती रही थी, यानि जब फसलों को जरूरत थी, तब प्रकृति ने पानी दिया था। जिसके चलते फसलों का उत्पादन बीते वर्ष अच्छा हुआ था। लेकिन इस बार बारिश का लंबा ब्रेक हो जाने से फसलों पर खतरा बना हुआ है। जिले में दूसरी सबसे बड़ी फसल मूंगफली की है, जो करैरा क्षेत्र में अधिक बोयी जाती है। करैरा-नरवर में इस बार अधिक बारिश होने से मूंगफली को खतरा कम है।

अवर्षा के बीच सोयाबीन को नुकसान होने का खतरा अधिक है, क्योंकि खेतों में कुछ जगह पौधे निकल आए हैं तो कुछ जगह अभी मिट्टी में दबे हैं। यदि दो-चार दिन में बारिश नहीं हुई तो सोयाबीन को अधिक नुकसान हो जाएगा।
डॉ. एमके भार्गव, वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केंद्र पिपरसमा शिवपुरी

हवाओं में नमी होने की वजह से फसल अभी तो रुकी हुई है और यदि 22 जुलाई तक भी बारिश होती है तो नुकसान होने का खतरा नहीं रहेगा। जिले में 95 फीसदी बोवनी तो हो गई, अब बस बारिश का इंतजार है।
यूएस तोमर, उप संचालक कृषि विभाग शिवपुरी

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