ज्ञात रहे कि शिक्षा विभाग में पदस्थ रहे गणक वृंदावन शर्मा, बीते जनवरी माह से निलंबित थे और उन्हें बहाल करने में डीईओ अजय कटियार व विभाग के दो बाबू प्रशांत गुप्ता एवं सचिन अग्रवाल द्वारा परेशान करने का आरोप लगाते हुए यहां तक कहा था कि उक्त लो बहाल करने के एवज में 5 लाख रुपए की मांग की है। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक को आधा दर्जन ज्ञापन भी दिए गए, बावजूद इसके पुलिस ने अभी तक इसमें एफआईआर दर्ज नहीं की गई। पुलिस इस मामले में जांच की बात कह कर हर बार ज्ञापन देने वालों को टरका देती है। महत्वपूर्ण बात यह है कि मृतक खुद अपना सुसाइड नोट लिखकर गया है, जिसमें वो डीईओ सहित उक्त दोनों बाबूओं का नाम लिखकर गया है, बावजूद इसके पुलिस की जांच अभी तक खत्म होने का नाम नहीं ले रही।
कोर्ट में कलेक्टर की पेशी लगने पर किया था निलंबित बीते जनवरी माह में कलेक्टर अनुग्रहा पी ने गणक वृंदावन शर्मा को एक कोर्ट केस के कारण निलंबित किया था। मामला यह था कि पोहरी के एक अनुदान प्राप्त शिक्षक की मौत के बाद उसके क्लेम की राशि का भुगतान शिक्षा विभाग से रूका हुआ था। शिक्षक की पत्नी ने हाईकोर्ट में केस लगा रखा था। इस मामले में कलेक्टर शिवपुरी की कोर्ट में पेशी लगी थी, जहां कोर्ट ने कलेक्टर को फटकार भी लगाई थी। इसके बाद कलेक्टर शिवपुरी ने कलेक्ट्रेट के बाबू बंसत पंवार व बाबू वृंदावन शर्मा दोनों को निलंबित कर दिया था। हालांकि कुछ महीने बाद बंसत तो बहाल हो गया लेकिन वृंदावन निलंबित ही रहे थे।
डीईओ का हुआ ट्रांसफर, बाबू दूसरी जगह अटैच मृतक वृंदावन शर्मा ने डीईओ व दोनों बाबूओं पर टॉर्चर करने का आरोप लगाया था। उस दौरान डीईओ अवकाश पर थे और बिना शिवपुरी में वापसी करवाए, उनका शिवपुरी से ट्रांसफर भी हो गया। वहीं शिक्षा विभाग के दोनों बाबूओं को कलेक्टर ने शिक्षा विभाग से हटाकर एसडीएम शिवपुरी कार्यालय में अटैच कर दिया। ऐसे में जांच के दौरान पूछताछ के लिए डीईओ भी नहीं मिल पाएंगे। उधर कलेक्टर ने इस पूरे मामले की जांच के लिए अलग से एक कमेटी भी गठित की है।
एफआईआर में देरी की वजह समझ से परे वृंदावन शर्मा ने बीते 27 जून (मंगलवार) को बांकड़े हनुमान मंदिर पर पहले भगवान के दर्शन किए और फिर मंदिर के पास ही स्थित जंगल में जाकर पेड़ पर फांसी का फंदा लगाकर उस पर झूल गए। अगले दिन 28 जून को उनकी पेड़ से लटकी लाश मिली। इतना ही नहीं पुलिस को उसी दिन मृतक की जेब से वो सुसाइड नोट भी मिल गया, जिसमें मृतक ने मरने से पहले डीईओ सहित दो बाबूओं पर टॉर्चर करने का आरोप लगाया था। प्रकरण दर्ज करने के लिए सुसाइड नोट पर्याप्त था, बावजूद इसके अभी तक पुलिस ने इसमें कोई प्रकरण दर्ज नहीं किया था। आज जब परिजन एसपी को ज्ञापन देने पहुंचे व मीडिया ने एसपी से एफआईआर में हो रही देरी को लेकर सवाल किया तो देर शाम इस मामले में प्रकरण दर्ज कर लिया गया।
प्रकरण दर्ज करने के लिए सुसाइड नोट पर्याप्त: एड. तिवारी सुसाइड नोट के आधार प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है, लेकिन सुसाइड नोट में उल्लेखित तथ्यों व आरोपों की सत्यता के संबंध में सर्वप्रथम पुलिस को जांच करनी चाहिए।
विजय तिवारी, एडवोकेट शिवपुरी बोले एसपी: पीएम रिपोर्ट का इंतजार अभी तक पीएम रिपोर्ट नहीं आई है। जैसे ही पीएम रिपोर्ट आएगी, हम प्रकरण दर्ज कर लेंगे। डीईओ का यदि ट्रांसफर भी हो गया है तो उन्हें पूछताछ के लिए शिवपुरी तलब करेंंगे।
राजेश सिंह चंदेल, एसपी शिवपुरी