नेशनल पार्क में मिला शव, पीएम हाउस लाई पुलिस, छीन ले गए परिजन
अस्पताल चौराहे पर शव रखकर किया प्रदर्शन, तब हुई एफआइआर
चार दिन पूर्व पुलिस को दिया था आवेदन, जताई थी हमले की आशंका

शिवपुरी. माधव नेशनल पार्क में शनिवार की सुबह एक व्यक्ति का शव फांसी के फंदे पर लटका मिला। पुलिस शव को लेकर पीएम हाउस आई तो मृतक के परिजन व अन्य लोग भी वहां आ गए। परिजनों का आरोप था कि मृतक को मारकर लटकाया गया है, इसलिए पहले एफआइआर दर्ज की जाए। तनाव बढ़ता देख पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल भी पीएम हाउस पहुंच गए। समझाने का दौर चलता रहा और फिर एकाएक परिवार के लोग एंबुलेंस लेकर आए तथा पुलिस के वाहन में से शव को निकालकर एंबुलेंस में रखकर अस्पताल चौराहा ले गए, जहा एंबुलेंस चौराहे पर खड़ी करके प्रदर्शन करने लगे। इस बीच पुलिस लाइन से अतिरिक्त फोर्स मंगवा लिया गया। बाद में कोतवाली पुलिस ने एफआइआर करने के साथ ही डॉक्टरों के पैनल से पीएम करवा कर लाश परिजनों को सौंप दी। लगभग तीन घंटे चले इस एपीसोड में पुलिस को हर स्टेप पर समझौता करना पड़ा। महत्वपूर्ण बात यह है कि मृतक की बीती रात ही कोतवाली में गुमशुदगी दर्ज हुई थी।
शनिवार की सुबह झांसी रोड पर माधव नेशनल पार्क के गेट से दस कदम दूर पार्क सीमा के अंदर एक पेड़ से लटकी हुई एक लाश मिलने की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। मृतक की शिनाख्त लक्ष्मण (45) पुत्र बद्रीप्रसाद धाकड़ निवासी मोहरा कोलारस हाल निवास कोठी नंबर 26 के पास टोंगरा रोड, के रूप में हुई। पुलिस ने शव को फांसी के फंदे से उतारकर पुलिस वाहन में रखकर पीएम हाउस ले आए। सुबह लगभग 11 बजे पीएम हाउस पर मृतक के परिजन व नजदीकी पहुंच गए तथा वे एफआइआर दर्ज करने की मांग करने लगे। परिजनों का कहना था कि पहले आरोपियों पर एफआइआर दर्ज की जाए, उसके बाद हम पीएम होने देंगे। पीएम हाउस पर बढ़ रहे तनाव को देखते हुए पहले टीआई और बाद में पुलिस अधीक्षक भी पहुंच गए। पुलिस ने परिजनों को समझाने का प्रयास किया कि पहले पीएम हो जाने दो, फिर उसकी रिपोर्ट के आधार पर एफआइआर दर्ज कर लेंगे। पुलिस अधिकारियों ने हर संभव समझाने का प्रयास किया, लेकिन परिजन नहीं माने।
पुलिस से छीन ले गए लाश, चौराहे पर रखी
बातचीत का दौर अभी चल ही रहा था कि एक एंबुलेंस तेज रफ्तार में वहां आई और पीएम हाउस के गेट पर जाकर लग गई। पीएम हाउस पर मौजूद भीड़ एकाएक अंदर गई और उस पुलिस वाहन को चारों तरफ से घेर लिया, जिसमें शव रखा था। मौके पर मौजूद पुलिस बल ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, लेकिन भीड़ में शामिल लोगों ने एक न सुनी और वे शव को पुलिस वाहन में से निकालकर एंबुलेंस में ले आए। इस दौरान पुलिस ने फिर उन्हें रोकने का प्रयास किया, लेकिन दस मिनट की जोर-अजमाइश के बाद एंबुलेंस को वहां से ले जाकर अस्पताल चौराहे पर खड़ी कर दी तथा चौराहे पर प्रदर्शन शुरू कर दिया।
अतिरिक्त फोर्स भी बुलाया, फिर एफआइआर की दर्ज
हालात बिगड़ते देख पुलिस लाइन से लाठी-जैकेट से लैस अतिरिक्त फोर्स बुलवाया गया। अस्पताल चौराहे को पुलिस छावनी बना दिया। इस दौरान हुई बातचीत में पुलिस एफआइआर दर्ज करने को तैयार हो गई। फिर कोतवाली पुलिस ने धारा 302/306 भादवि के तहत आरोपी कंथईया रावत व उसके भाई पर्वत रावत निवासी करोली, हाल निवास कोठी नंबर 26 के पास फतेहपुर, के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया। इसके बाद शव को पीएम के लिए ले जाया गया तथा डॉक्टरों के पैनल से पीएम करवाया गया।
यह है पूरा मामला
मृतक लक्ष्मण धाकड़ ने कुछ समय पूर्व कोठी नंबर 26 टोगरा रोड पर गल्ले की दुकान खोली है। उसके पास में ही कंथईया रावत भी रहता है। लक्ष्मण ने बीते 21 दिसंबर को पुलिस को एक आवेदन दिया था, जिसमें उल्लेख किया था कि हमारा पड़ोसी कंथईया रावत हमें गल्ले का काम करने नहीं दे रहा तथा आए दिन गाली-गलौच करके धमकी देता है कि जो भी माल खरीद रहे हो, उसका मुझे हफ्ता चाहिए। इतना ही नहीं आवेदन में यह भी उल्लेख किया था कि कंथईया रावत एक आपराधिक प्रवृत्ति का है तथा उससे मेरी जानमाल को खतरा है। इसके बाद शुक्रवार की शाम 5 बजे तक लक्ष्मण से परिजनों की बात हुई, लेकिन फिर उसका मोबाइल नहीं उठा। रात में लगभग 9 बजे कोतवाली पुलिस ने लक्ष्मण की गुमशुदगी दर्ज करके उसके मोबाइल की लोकेशन ट्रेस करने के लिए सर्विलांस पर डाल दिया। उसी मोबाइल ट्रेकिंग से पता चला कि लक्ष्मण कहां पर है। शनिवार सुबह जब पुलिस व परिजन तलाश में निकले तो ट्रेकिंग में लक्ष्मण के मोबाइल की लोकेशन नेशनल पार्क सीमा में मिली, जहां उसका शव पेड़ से लटका मिला। उसके बाद यह पूरा एपीसोड हो गया।
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