scriptमंदिर की जमीन पर कब्जे के बाद शपथ-पत्र पर कर रहे सौदा | Dealing on affidavit after taking possession of temple land | Patrika News

मंदिर की जमीन पर कब्जे के बाद शपथ-पत्र पर कर रहे सौदा

locationशिवपुरीPublished: Feb 11, 2022 10:46:12 pm

Submitted by:

rishi jaiswal

कलेक्टर, एसडीएम व मुख्य सचिव को दिया एडवोकेट ने धारा 80 का नोटिस
 

मंदिर की जमीन पर कब्जे के बाद शपथ-पत्र पर कर रहे सौदा

मंदिर की जमीन पर कब्जे के बाद शपथ-पत्र पर कर रहे सौदा

शिवपुरी। शहर के प्राचीन सिद्धेश्वर मंदिर की 33 बीघा जमीन पर अवैध कब्जे कर भवन बनाने के बाद अब इनके शपथ पत्र पर सौदे किए जा रहे हैं। मंदिर की इस भूमि को कब्जामुक्त कराए जाने के लिए पब्लिक इंटरेस्ट में एडवोकेट सुनील भुगड़ा ने मुख्य सचिव सहित कलेक्टर, एसडीएम व तहसीलदार को धारा 80 का नोटिस जारी किया है।

एडवोकेट सुनील भुगड़ा द्वारा दिए गए नोटिस में उल्लेख किया है कि शिवपुरी टुकड़ा नंबर-दो पटवारी हल्का शिवपुरी में सिद्धेश्वर महादेव मंदिर की भूमि माफी औकात की है, जिसके प्रबंधक कलेक्टर हैं। इस भूमि सर्वे नंबर 91/1 लगायत 91/34 एवं 131, 132/1, 132/2, 192 एवं 202, 217 कुल रकवा 6.5530 हेक्टेयर है, सर्वे नंबर 398, 1050, 1051 कुल रकवा 1.04 हेक्टेयर है। भूमि की देखरेख की जिम्मेदारी आपके अधीनस्थ राजस्व अधिकारियों की है, लेकिन उनकी अनदेखी के चलते उक्त भूमि पर अनाधिकृत रूप से अतिक्रमण कर कच्चे-पक्के निर्माण एवं बाउंड्री बना ली है तथा भवन बना लिए हैं।
यह भूमि कृषि भूमि होकर मंदिर की है, जिसकी बाजारू कीमत करोड़ों रुपए है। इस भूमि पर किए गए कब्जों पर किसी तरह की कोई कार्रवाई अभी तक नहीं की गई, जिससे शासन व मंदिर को क्षति हो रही है। नोटिस में उल्लेख किया है कि जिन लोगों ने भूमि पर कब्जे किए हैं, उन्हें तुरंत हटवाकर प्रशासन अपने कब्जे मेें ले ताकि उसका उपयोग शासन व जनहित में किया जा सके। नोटिस में चेतावनी दी गई है कि दो माह में यदि कार्रवाई नहीं की गई तो उक्त भूमि को कब्जामुक्त कराने हाईकोर्ट ग्वालियर में याचिका दायर की जाएगी।
मकान बेचते समय नहीं करते रजिस्ट्री
सिद्धेश्वर मंदिर ट्रस्ट की जमीन पर अतिक्रमण कर भवन बनाने वालों के पास कथित तौर पर रजिस्ट्री नहीं है, जिसके चलते वे जब अपने बने हुए मकान किसी दूसरे को बेचते हैं, उसकी रजिस्ट्री न कराकर शपथ पत्र पर सौदा कर रहे हैं। यही वजह है कि पिछले कुछ समय में जिन लोगों को जमीन की सच्चाई पता चल गई, उन्होंने अपने महंगे भवन भी अपने औने-पौने दामों में शपथ पत्र पर ठिकाने लगा दिए हैं।
पब्लिक इंटरेस्ट में दिया नोटिस
मैंने मुख्य सचिव सहित प्रशासन को धारा 80 का नोटिस दिया है। मंदिर की माफी की जमीन है, जिस पर कब्जा करके भवन निर्माण कर लिए हैं। यह नोटिस पब्लिक इंटरेस्ट में दिया है।
सुनील भुगड़ा, एडवोकेट शिवपुरी
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