scriptनहीं माना पंचायत का फैसला तो पहनाई जूतों की माला | Decree of panchayat | Patrika News

नहीं माना पंचायत का फैसला तो पहनाई जूतों की माला

locationशिवपुरीPublished: Sep 20, 2017 11:39:40 pm

पीडि़त बोला, समाज का निर्णय है, मैं नहीं चाहता कार्रवाई, परिजनों ने कहा सुधार के लिए कुछ तो कठोर कदम उठाने होंगे

Panchayat, prohibition, decision, punishment, tribal, action, shivpuri news, shivpuri news in hindi, mp news
कोलारस. समाज के उत्थान और सुधार के लिए बीते दिनों आदिवासी समाज की महापंचायत में शराबखोरी के खिलाफ लिए निर्णय को न मानने पर मंगलवार की रात समाज के लोगों ने एक बार फिर ग्राम बेरखेड़ी में शराबी को जूतों की माला पहनाई। शराब पीने वाले युवक ने अपनी गलती स्वीकार की और पुलिस को बयान देते हुए जूते की माला पहनाने की घटना को अस्वीकार कर दिया और कहा कि वह समाज के निर्णय के खिलाफ जाकर कोई कार्रवाई नहीं कराना चाहता। पीडि़त के परिजनों का कहना था कि सुधार के लिए कठोर फैसले तो लेने ही पड़ेंगे।
उल्लेखनीय है कि गत १३ सितम्बर को ग्राम करमई चक में महा पंचायत कर निर्णय लिया था कि समाज का कोई भी व्यक्ति शराब पीता या जुआ खेलता मिला तो उसके ऊपर ११ हजार रुपए का जुर्माना किया जाएगा। इस पंचायत के बाद बीती रात ग्राम बेरखेड़ी में सुमरत आदिवासी ने शराब पीकर गाली-गलौंच की तो समाज के लोगों ने पंचायत बुलाई और युवक को समझाया। पंचायत ने कथित तौर पर निर्णय लिया कि शराब पीने वाले युवक सुमरत को जूते-चप्पलों की माला पहनाई जाएगी ताकि भविष्य में कोई और इस तरह की हिमाकत न करे। बताया जाता है कि पंचायत के निर्णय को सुमरत ने भी स्वीकार किया और जूते-चप्पलों की माला पहनाए जाने पर उसने खुद भी तालियां बजाईं। इस बात की जानकारी जब पुलिस को लगी तो पुलिस भी गांव पहुंची, मामले की तस्दीक की तो सुमरत ने घटना से इंकार कर दिया और बोला कि समाज का निर्णय है वह किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं चाहता। पुलिस के अनुसार सुमरत के परिजनों ने भी घटना से इंकार कर दिया और कहा कि सुधार के लिए कुछ कठोर निर्णय तो लेने पड़ेंगे।
शिकायत आई तो करेंगे कार्रवाई
जानकारी लगते ही हमने दो टीमें बेरखेडी गांव भेजी, परिजनों के कथन लिए लेकिन उनके द्वारा कोई शिकायत नहीं की गई है। वह आपसी मामला है यदि शिकायत आएगी तो कार्रवाई होगी।
सुजीत सिंह भदौरिया

दो दिन पहले खरैह में निकाला था जुलूस
खरैह/शिवपुरी. बदरवास जनपद के ग्राम खरैह की आदिवासी बस्ती में चार दिन पूर्व लिए गए शराबबंदी के फैसले के विरुद्ध तीन युवक रविवार की रात को शराब पीकर आ गए। बताते हैं कि परिवार की महिलाओं ने समाज के लोगों को वो बैठक याद दिलाते हुए कहा कि इन लोगों ने नियम तोड़ दिया। बस फिर क्या था, सोमवार की सुबह जब शराब पीने वाले युवकों से जुर्माना भरने के लिए कहा, तो वे बोले कि हमारे पास पैसा तो नहीं है, इसलिए जो सजा देनी है, दे दो। इसके बाद तीनों युवकों का मुंडन करके गांव में जुलूस निकाला गया। आदिवासी समाज के लोगों ने यह कदम इसलिए उठाया, ताकि दूसरों को सबक मिल सके और फिर कोई भी इस नियम को तोडऩे का प्रयास न करे। ग्राम खरैह में 8 0 परिवारों की आदिवासी बस्ती है, जहां पर बीते 13 सितंबर को आदिवासियों की पंचायत हुई, जिसमें यह तय किया गया कि कोई भी व्यक्ति शराब नहीं पीएगा। यदि किसी ने नियम को तोड़ा तो उसे 11 हजार रुपए का जुर्माना देना पड़ेगा। पंचायत के बाद तीन दिन तक किसी ने शराब नहीं पी, लेकिन 17 सितंबर को गांव के सतीश, विक्रम व फोटो आदिवासी, शराब पीकर घर आ गए। चूंकि शराबबंदी का निर्णय होने के बाद से सभी परिवार की महिलाएं खुश थीं, लेकिन जैसे ही यह तीनों लोग शराब पीकर घर पहुंचे तो परिवार के लोगों ने पंचायत के लोगों को बताया कि इन लोगों ने नियम तोड़ा है। सोमवार सुबह समाज की फिर बैठक हुई, जिसमें तीनों युवकों से कहा गया कि जुर्माने की राशि जमा कराओ। चूंकि तीनों पर पैसा नहीं था, तो वे बोले कि जो हमें सजा देनी है, दे लो, हम विरोध नहीं करेंगे। समाज के लोगों ने कुछ ऐसा करने का मन बनाया, ताकि दूसरे लोग फिर ऐसी गलती न दोहराएं। इसलिए तीनों युवकों का मुंडन करके, गले में जूतों की माला डालकर ढोल-नगाड़ों के साथ गांव में जुलूस निकाला। जिसमें बड़ी संख्या में ग्रामीणजन भी मौजूद रहे। तीनों युवकों ने भी यह स्वीकार किया है कि हमने अपनी मर्जी से ही यह मुंडन करवाया है। चूंकि अब तीनों युवक ही मान रहे हैं कि हमने पंचायत के आदेश का पालन नहीं किया, इसलिए हमने पैसा न देने की बजाए सजा को स्वीकार कर लिया था।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो