कंट्रोल रूम से ऐसे काटा जा रहा चालान
शहर के प्रमुख चौराहों सहित कई प्रमुख रास्तों पर कैमरे लगाए गए हैं, जिनकी मॉनीटरिंग का कक्ष पुलिस कंट्रोल रूम में बनाया गया है। उस कक्ष में मौजूद एक बड़ी स्क्रीन पर शहर के सभी कैमरों का लाइव टेलीकास्ट चलता रहता है। कक्ष में तैनात महिला ट्रैफिककर्मी इन कैमरों में नजर आने वाले ऐसे बाइक सवारों पर नजर रखती हैं, जो ट्रैफिक नियम को तोड़ता नजर आता है। ऐसी बाइक नजर आते ही, लाइव टेलीकास्ट को वहीं पर रोक कर बाइक का नंबर नोट कर लिया जाता है।
शहर के प्रमुख चौराहों सहित कई प्रमुख रास्तों पर कैमरे लगाए गए हैं, जिनकी मॉनीटरिंग का कक्ष पुलिस कंट्रोल रूम में बनाया गया है। उस कक्ष में मौजूद एक बड़ी स्क्रीन पर शहर के सभी कैमरों का लाइव टेलीकास्ट चलता रहता है। कक्ष में तैनात महिला ट्रैफिककर्मी इन कैमरों में नजर आने वाले ऐसे बाइक सवारों पर नजर रखती हैं, जो ट्रैफिक नियम को तोड़ता नजर आता है। ऐसी बाइक नजर आते ही, लाइव टेलीकास्ट को वहीं पर रोक कर बाइक का नंबर नोट कर लिया जाता है।
परिवहन की साइट से ढूढते हैं नाम-पता
जब बाइक का नंबर आ जाता है तो उसे आरटीओ (परिवहन विभाग) की साइट पर जाकर जब वो नंबर डाला जाता है तो चंद मिनिटों में ही बाइक के मालिक व उसका पता सहित कॉन्टेक्ट नंबर तक सामने आ जाता है। फिर संबंधित का नाम व पता लिखकर नोटिस बनाकर उसे पुलिसकर्मी के माध्यम से घर तक पहुंचा दिया जाता है। जिनके घर पर नोटिस पहुंचता है, वो काफी देर तो यही सोचता रहता है कि आखिर बाजार में की गई गलती कैेसे पकड़ में आ गई, और फिर इन्हें हमारे घर का पता कैसे मिल गया?।
जब बाइक का नंबर आ जाता है तो उसे आरटीओ (परिवहन विभाग) की साइट पर जाकर जब वो नंबर डाला जाता है तो चंद मिनिटों में ही बाइक के मालिक व उसका पता सहित कॉन्टेक्ट नंबर तक सामने आ जाता है। फिर संबंधित का नाम व पता लिखकर नोटिस बनाकर उसे पुलिसकर्मी के माध्यम से घर तक पहुंचा दिया जाता है। जिनके घर पर नोटिस पहुंचता है, वो काफी देर तो यही सोचता रहता है कि आखिर बाजार में की गई गलती कैेसे पकड़ में आ गई, और फिर इन्हें हमारे घर का पता कैसे मिल गया?।
155 वाहनों की निकली समयावधि
पिछले 45 दिनों के अंदर पुलिस कंट्रोल रूम से कुल 600 लोगों को ट्रैफिक नियम तोडऩे की वजह से नोटिस जारी किए गए। इनमें से 230 लोगों ने तो दी गई समयावधि में जुर्माना राशि जमा करवा दी, जबकि 155 ऐसे वाहन मालिक हैं, जिनकी जुर्माना भरने की समयावधि निकल चुकी है। ऐसे में उक्त सभी मामलों को न्यायालय भेजने की तैयारी कर ली गई है। बाइक पर तीन सवारी पर 500 रुपए तथा बिना हेलमेट बाइक चलाने पर 250 रुपए का जुर्माना किया जाता है। नोटिस में 7 से 10 दिन का समय दिया जाता है।
पिछले 45 दिनों के अंदर पुलिस कंट्रोल रूम से कुल 600 लोगों को ट्रैफिक नियम तोडऩे की वजह से नोटिस जारी किए गए। इनमें से 230 लोगों ने तो दी गई समयावधि में जुर्माना राशि जमा करवा दी, जबकि 155 ऐसे वाहन मालिक हैं, जिनकी जुर्माना भरने की समयावधि निकल चुकी है। ऐसे में उक्त सभी मामलों को न्यायालय भेजने की तैयारी कर ली गई है। बाइक पर तीन सवारी पर 500 रुपए तथा बिना हेलमेट बाइक चलाने पर 250 रुपए का जुर्माना किया जाता है। नोटिस में 7 से 10 दिन का समय दिया जाता है।
फ्री होकर ट्रैफिककर्मी कर रहे वसूली
पहले ट्रैफिक नियम तोडऩे पर मेन्युअली कार्रवई करने के लिए ट्रैफिककर्मी को चौराहे-तिराहों पर खड़े होकर बाइक सवार को रोकना और पकडऩा पड़ता था। अब जबकि कंट्रोल रूम के एक कमरे में बैठकर ही शहर भर में होने वाली ट्रैफिक गलतियों को पकड़ा जा रहा है, तो ऐसे में ट्रैफिककर्मी फ्री हो गए और उन्होंने बाजार की ट्रैफिक व्यवस्था को भगवान भरोसे छोडक़र नाकों पर वसूली शुरू कर दी। वे किसी भी गलती को पकडक़र मौके पर ही चालान काटने या समझौता करने में व्यस्त हैं। यही वजह है कि शहर की ट्रैफिक व्यवस्था भगवान भरोसे है तथा आमजन सडक़ जाम के अलावा छुटपुट दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं।
पहले ट्रैफिक नियम तोडऩे पर मेन्युअली कार्रवई करने के लिए ट्रैफिककर्मी को चौराहे-तिराहों पर खड़े होकर बाइक सवार को रोकना और पकडऩा पड़ता था। अब जबकि कंट्रोल रूम के एक कमरे में बैठकर ही शहर भर में होने वाली ट्रैफिक गलतियों को पकड़ा जा रहा है, तो ऐसे में ट्रैफिककर्मी फ्री हो गए और उन्होंने बाजार की ट्रैफिक व्यवस्था को भगवान भरोसे छोडक़र नाकों पर वसूली शुरू कर दी। वे किसी भी गलती को पकडक़र मौके पर ही चालान काटने या समझौता करने में व्यस्त हैं। यही वजह है कि शहर की ट्रैफिक व्यवस्था भगवान भरोसे है तथा आमजन सडक़ जाम के अलावा छुटपुट दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं।
जुर्माना न भरने वालों के भेज रहे प्रकरण
कैमरों की मदद से शहर पर नजर रखे हुए हैं तथा कोई भी गलती पकड़ में आते ही उक्त वाहन क नंबर को आरटीओ की साइट पर डालकर उसका नाम-पता मालूम करके नोटिस भेजते हैं। जिनकी जुर्माना भरने की समयावधि निकल गई, उन्हें हम कोर्ट भेज रहे हैं।
रणवीर सिंह यादव, ट्रैफिक प्रभारी
कैमरों की मदद से शहर पर नजर रखे हुए हैं तथा कोई भी गलती पकड़ में आते ही उक्त वाहन क नंबर को आरटीओ की साइट पर डालकर उसका नाम-पता मालूम करके नोटिस भेजते हैं। जिनकी जुर्माना भरने की समयावधि निकल गई, उन्हें हम कोर्ट भेज रहे हैं।
रणवीर सिंह यादव, ट्रैफिक प्रभारी