एफआईआर निरस्त कराने की करैरा विधायक की याचिका खारिज
शिवपुरीPublished: Jan 18, 2018 11:35:54 pm
हाईकोर्ट ने बुधवार को दिया आदेश, न्यायालय में चलेगा प्रकरण
शिवपुरी। ग्वालियर हाईकोर्ट के न्यायाधीश जीएस आहूवालिया ने बुधवार को एक अहम मामले में सुनवाई करते हुए करैरा विधायक शकुंतला खटीक द्वारा लगाई गई एफआईआर निरस्त की याचिका को निरस्त करते हुए मामले को अधीनस्थ न्यायालय में चलाने के आदेश दिए हैं। इस मामले में शासन की तरफ से पैरवी शासकीय अधिवक्ता आरके अवस्थी ने की।
अभियोजन के मुताबिक 8 जून 2017 को करैरा की कांग्रेस विधायक शकुन्तला खटीक अपने समर्थकों के साथ धरना प्रदर्शन कर रही थी। इस दौरान उनका किसी बात को लेकर करैरा के टीआई संजीव तिवारी से विवाद हो गया। इसमें विधायक खटीक ने टीआई की कॉलर पकड़ते हुए उनके साथ अभद्रता करते हुए समर्थकों से कहा था कि आग लगा दो थाने में, साथ ही पुलिसकर्मियों से काफी भला-बुरा कहा था। पुलिस ने इस मामले में १२ जून को विधायक खटीक के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया था। विधायक खटीक ने इस मामले में एफआईआर निरस्त कराने के लिए अपने अभिभाषक के माध्यम से एक याचिका हाईकोर्ट ग्वालियर में दाखिल की थी। इसमें विधायक खटीक ने यह आपत्ति दर्ज कराई थी कि इस प्रकरण में फरियादी भी टीआईसंजीव तिवारी हैं तथा मामले के विवेचना अधिकारी भी टीआई स्वंय खुद हंै। प्रकरण में सुनवाई के दौरान शासकीय अधिवक्ता अवस्थी ने न्यायालय को बताया कि प्रकरण में फरियादी टीआई हैं, लेकिन विवेचना अधिकारी शुरूआत में उनि भगवानलाल अहिरवार थे और फिर इस केस को जांच के लिए उनि राघवेन्द्र यादव को सौंपा गया है। इसके अलावा अन्य जो बिंदु लगाए गए हैं, उससे यह तय नहीं होता कि एफआईआर गलत है और इसे निरस्त की जाए।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश आहूवालिया ने बुधवार को विधायक खटीक की याचिका को निरस्त करते हुए अधीनस्थ मामले में प्रकरण की सुनवाई करने के आदेश दिए हैं।
वन भूमि जोतने पर लगाया पांच हजार जुर्माना
करैरा न्यायालय के जेएमएफसी शरदक कुमार लिटोरिया ने वन भूमि पर अवैध कब्जा कर जुताई करने वाले आरोपी कमल सिंह को दोषी मानते हुए उसे न्यायालय उठने तक व 5 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है।मामला 19 अगस्त 2015 का है जिसमें आरोपी कमल सिंह ने शेरगढ़ वीट में वन भूमि पर कब्जा कर उस पर अवैध रूप से जुताई की थी। इस मामले में वन विभाग ने आरोपी के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया था।
इस प्रकरण में सुनवाईकरते हुए बीते रोज न्यायाधीश ने यह फैसला सुनाया।मामले में पैरवी एडीपीओ सुनील कुमार भदौरिया ने की।