शिवपुरी

कागजों में डॉक्टर, डेढ़ साल से आईसीयू पर ताला

मेडीकल कॉलेज में नियुक्त डॉक्टर लगा रहे सिर्फ हाजिरी, ओपीडी में डॉक्टरों की कुर्सी खाली, मरीज परेशान
 

शिवपुरीJun 15, 2018 / 11:25 pm

Rakesh shukla

कागजों में डॉक्टर, डेढ़ साल से आईसीयू पर ताला


शिवपुरी. कायाकल्प में भले ही शिवपुरी जिला अस्पताल नंबर-वन रहा हो, लेकिन स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर आईसीयू का ताला डेढ़ साल बाद भी नहीं खुल सका। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री के प्रभार वाला शिवपुरी जिला अस्पताल इलाज की बजाय रैफरल सेंटर बनकर रह गया। यह स्थिति तब है, जबकि अप्रैल माह में ही मेडिकल कॉलेज शिवपुरी के लिए 54 पदों पर नियुक्ति कर दी गई, जिसमें मेडिसन विशेषज्ञ भी शामिल हैं। नियुक्ति के समय यह कहा गया था कि कॉलेज में नियुक्त हुए डॉक्टर्स, जिला अस्पताल में भी सेवाएं देंगे। लेकिन हकीकत बिल्कुल उलट है, ओपीडी में मरीजों की भीड़ अपने नंबर का इंतजार कर रही है और डॉक्टरों की कुर्सियां खाली हैं।
गौरतलब है कि शिवपुरी जिला अस्पताल में दिल के दर्द व अन्य गंभीर बीमारियों के मरीजों ने आना ही बंद कर दिया, क्योंकि मरीजों को पता है कि अस्पताल में इलाज मिलने की बजाय वहां से ग्वालियर रैफर करने का पर्चा मिलेगा। इन हालातों में जिला अस्पताल जो गरीब व मौसमी बीमारियों के मरीज आ रहे हैं, उन्हें देखने के लिए डॉक्टर तक नहीं हैं। शुक्रवार को भी जिला अस्पताल की ओपीडी में गेट से लेकर डॉक्टर के आखिरी कक्ष तक लाइन लगी थी और सभी मरीज उस एक मात्र डॉक्टर को ही दिखाने के लिए नंबर पर लगे थे, क्योंकि बीच के कमरों में बैठने वाले सभी डॉक्टरों की कुर्सियां खाली थीं।
कमरे में बैठकर गुजार रहे समय
मेडीकल कॉलेज में पदस्थ किए गए स्टाफ की नियुक्ति होने के साथ ही वेतन का मीटर घूमना शुरू हो गया। लेकिन उनके द्वारा जिला अस्पताल में सेवाएं देने की बजाय, वो स्टाफ सुबह आकर उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर करता है और एक कमरे में कुछ समय बैठने के बाद चले जाते हैं। यदि मेडिसन विशेषज्ञ सहित अन्य स्टाफ अपनी सेवाएं जिला अस्पताल में देने लगे, तो न केवल आईसीयू का ताला खुल जाएगा, बल्कि मरीजों को इलाज भी मिलने लगेगा।
डीन का है नियंत्रण
जिला अस्पताल को चिकित्सा महाविद्यालय में शामिल कर लिया गया है। लेकिन जिनकी नियुक्ति हुई है, उनमें से ज्वाइन करने वालों पर पूरा नियंत्रण मेडिकल विभाग की डीन व उनके स्टाफ का ही है। नियुक्ति पाने वालों में तीन मेडिसन विशेषज्ञ भी हैं।
डॉ. गोविंद सिंह, सिविल सर्जन जिला अस्पताल
डीन करेंगी कार्रवाई
मुझे आज ही प्रभार मिला है और मंैने जब उपस्थिति रजिस्टर को देखा तो दो मेडिसन विशेषज्ञ के अलावा जूनियर डॉक्टर्स सहित 7 लोग अनुपस्थित रहे। मैंने तो जो आदेश मिला उसके अनुसार उनकी अनुपस्थिति लगा दी है। अनुपस्थित स्टाफ पर कार्रवाई तो डीन ही करेंगीं।
डॉ. सौरभ चौहान, असि. प्रोफेसर, प्रभारी मेडीकल कॉलेज टीम

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