ये है आमजन का दर्द
न्यू ब्लॉक में स्थित एक कंपनी के प्रभारी ने बताया कि उन्हें 18796 यूनिट खपत का 2 लाख रुपए से अधिक का बिल थमा दिया। जबकि ऑफिस का हर महीने 4500 से 5 हजार यूनिट का बिल आता था।
भीड़ में शामिल विवेकानंद कॉलोनी में रहने वाले राकेश कन्हौआ ने बताया कि मैंने 1793 रुपए का बिजली बिल अगस्त महीने में ऑनलाइन जमा किया था। जिसकी रसीद भी यह मेरे पास है। लेकिन इिस महीने के बिजली बिल में वो राशि भी जोडक़र दे दी गई।
– कान्हाकुंज नगर शिवपुरी में रहने वाले संजय पांडेय ने बताया कि हमें इस बार 4054 रुपए का बिजली बिल दिया है, जिसमें पिछले बिल की राशि 1484 रुपए जोड़ दी गई है। जबकि हमने पिछली बार बिल जमा कर दिया था।
– जवाहर कॉलोनी निवासी मौहम्मद सलमान ने बताया कि इस बार हमें 35 हजार रुपए से अधिक का बिल दे दिया है, जिसमें पिछला बकाया 26 16 8 रुपए जोड़ा गया है, जबकि हमारा पिछला कुछ भी बकाया नहीं है।
न्यू ब्लॉक में स्थित एक कंपनी के प्रभारी ने बताया कि उन्हें 18796 यूनिट खपत का 2 लाख रुपए से अधिक का बिल थमा दिया। जबकि ऑफिस का हर महीने 4500 से 5 हजार यूनिट का बिल आता था।
भीड़ में शामिल विवेकानंद कॉलोनी में रहने वाले राकेश कन्हौआ ने बताया कि मैंने 1793 रुपए का बिजली बिल अगस्त महीने में ऑनलाइन जमा किया था। जिसकी रसीद भी यह मेरे पास है। लेकिन इिस महीने के बिजली बिल में वो राशि भी जोडक़र दे दी गई।
– कान्हाकुंज नगर शिवपुरी में रहने वाले संजय पांडेय ने बताया कि हमें इस बार 4054 रुपए का बिजली बिल दिया है, जिसमें पिछले बिल की राशि 1484 रुपए जोड़ दी गई है। जबकि हमने पिछली बार बिल जमा कर दिया था।
– जवाहर कॉलोनी निवासी मौहम्मद सलमान ने बताया कि इस बार हमें 35 हजार रुपए से अधिक का बिल दे दिया है, जिसमें पिछला बकाया 26 16 8 रुपए जोड़ा गया है, जबकि हमारा पिछला कुछ भी बकाया नहीं है।
जनता परेशान बिजली वितरण कंपनी ने शिवपुरी शहर का ठेका फीडबेक कंपनी को दिया है।ठेका देकर बिजली कंपनी के अधिकारियों ने अपना सिरदर्द दूर कर लिया, लेकिन उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ा दी। क्योंकि बिजली कंपनी के अधिकारी तो दफ्तर में बैठकर बिल संशोधित भी करते थे, लेकिन निजी कंपनी के कर्मचारी मनमाने अंदाज में बिल जारी करके अधिक से अधिक राशि वसूलने की फिराक में हैं। चूंकि निजी कंपनी को मासिक वसूली की राशि तय करके ठेका दिया गया है, इसलिए कंपनी उपभोक्ताओं की जेब तराशने में जुट गई।
हम भी कर रहे मदद
&फीडबेक कंपनी के सॉफ्टवेयर में कुछ गड़बड़ी है, जिसके चलते यह गलतियां हो रही हैं। उसे जल्द ही सुधारा जा रहा है। बिल संशोधन मेें हम सहयोग कर रहे हैं।
आरके अग्रवाल, महाप्रबंधक विविकं