scriptहर महीने चार हजार उपभोक्ता संशोधित करवा रहे बिजली के बिल | Electricity bills are improving every four thousand consumers every mo | Patrika News

हर महीने चार हजार उपभोक्ता संशोधित करवा रहे बिजली के बिल

locationशिवपुरीPublished: Dec 31, 2017 03:47:17 pm

Submitted by:

shyamendra parihar

महाप्रबंधक पहले उलझे फिर बोले: आदेश आने पर करेंगे क्रियान्वयन
 

Electricity bill, consumer, disturbing, modification, arbitrary, shivpuri news, shivpuri news in hindi, mp news
शिवपुरी. बिजली उपभोक्ता पिछले एक साल से इसलिए परेशान हैं, क्योंकि उन्हें मनमाने अंदाज में भारी भरकम राशि के बिल दिए जा रहे हैं। हर महीने शहर के कस्टम गेट स्थित बिजली कंपनी के दफ्तर में 3 से 4 हजार उपभोक्ता पहले अपना बिल संशोधित करवाते हैं और फिर उसे जमा करवाने के लिए लाइन में लगते हैं। बिजली का बिल जमा करने के लिए लोगों को पूरा दिन बर्बाद करना पड़ रहा है। अभी तक यह बात जनता कह रही थी, तो बिजली कंपनी के अधिकारी मानने को तैयार नहीं थे, लेकिन अब प्रदेश के मुखिया यानि मुख्यमंत्री ने कहा तो अधिकारी चुप्पी साध गए। कोलारस उपचुनाव के फेर में सीएम की अभी तक हुई चारों सभाओं में बिजली बिलों को माफ कराए जाने की घोषणा कॉमन रहीं, जो अब बिजली कंपनी पर भारी पड़ती नजर आ रही है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सभाओं की तारीखें भले ही बदलती हों, लेकिन उनके भाषण में वो ही सब होता है, जो वे पहली सभा में बोलते हैं। यही वजह है कि पिछले 20 दिन में 4 सभाएं करने वाले मुख्यमंत्री ने अपने हर भाषण में यह बात सार्वजनिक मंच से कही कि बिजली के बिल तो बहुत अधिक राशि के दिए जा रहे हैं, उन्होंने तो यहां तक कहा कि बिजली के जो मीटर लगाए जा रहे हैं, वे खराब हैं तथा उनकी रफ्तार भी बहुत अधिक होती है। इसलिए सीएम ने मंच से यह घोषणा भी कर दी कि बिल अधिक आया है तो उसे जमा मत करो, मीटर अधिक तेज भाग रहे हैं, इसलिए अब किसानों व सहरिया आदिवासी के घरों में मीटर नहीं लगाए जाएंगे। प्रदेश का मुखिया जब सार्वजनिक मंच से यह बात स्वीकार कर रहा है कि बिजली कंपनी आम उपभोक्ता से बिजली के नाम पर अधिक राशि वसूल रही है, तो फिर बड़ा सवाल यह है कि ऐसी कंपनी के खिलाफ सीएम कोई कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे..?
हर माह शहरवासी हो रहे परेशान
बिजली के बिलों में हो रही गड़बड़ी से शिवपुरी शहर की आधी आबादी परेशान है। हर महीने घर का बुजुर्ग या कोई कामकाजी व्यक्तिएक दिन का अवकाश लेकर आता है, ताकि वो बिजली का बिल जमा कर सके। इतना ही नहीं महिलाएं अपने घर के कामकाज छोडक़र लाइन में लगी रहती हैं। पहले शहरी उपभोक्ता आने वाले बिजली के बिल को संशोधित करवाने के लिए लाइन में लगते हैं। जब उनका बिल संशोधित हो जाता है तो फिर वे उसकी फोटोकॉपी करवाने के बाद एक कॉपी दफ्तर में तथा दूसरी कॉपी से बिल जमा करते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में लोगों के 5 से 6 घंटे तक लग जाते हैं। बिजली कंपनी हर बार कोई न कोई बहाना बनाकर आमजन से अधिक राशि वसूलने की फिराक में रहती है। यह बात सीएम ने पकड़ ली।
घोषणाएं ग्रामीण क्षेत्र के लिए हैं
हम यह नहीं कह सकते कि सीएम साहब ने जो कहा वो गलत है। लेकिन उनकी घोषणाएं ग्रामीण क्षेत्रों के लिए हैं। शहर में तो मीटर सही चल रहे हैं तथा बिल भी खपत के अनुसार ही दिए जा रहे। अधिक बिल को कम करने के लिए अभी शासन से कोईआदेश नहीं आया है। हमने किसानों के लिए फ्लेट बिल शुरू कर दिया तथा उसका टेरिफ भी तय हो गया है।
आरके अग्रवाल, महाप्रबंधक बिजली कंपनी शिवपुरी
घोषणाओं से वसूली हो रही प्रभावित
कोलारस विधानसभा क्षेत्र से हर महीने 125 से 130 लाख रुपए की राशि बिजली बिल के बदले में वसूली जाती है। उपचुनाव के चलते जो घोषणाएं की गईं, उससे हमारी वसूली प्रभावित हो रही है। अब तो हर कोई यही कह रहा है कि पहले हम अपना बिल छोटा करवाएंगे। इस बार पता नहीं कितनी राशि जमा हो पाएगी।
सुबोध सिंह, डीई कोलारस सर्किल बिजली कंपनी
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो