लोकायुक्त ग्वालियर के टीआई कविन्द्र ङ्क्षसह चौहान ने बताया कि 6 मई 2022 को ग्राम सिलरा करैरा जिला शिवपुरी के सरपंच आमिर खान के भाई असीन खान ने कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी कि गांव का रोजगार सहायक नरेन्द्र ङ्क्षसह सोलंकी गांव में बनी गोशाला व रपटा निर्माण के 27 लाख रुपए भुगतान करने की एवज में रिश्वत के रूप में दो लाख 17 हजार रुपए की मांग कर रहा है। इसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने 9 मई को अपने एक आरक्षक को टेप रिकोर्डर लेकर सरपंच के भाई के साथ रोजगार सहायक के पास पहुंचाकर रिश्वत मांगने की बात की रिकोर्डिग करवाई।
चाट के ठेले पर चाट खाते समय ली रिश्वत
योजनाबद्ध तरीके से बुधवार 11 मई को करैरा के जनपद कार्यालय के पास शिवहरे चाट भंडार के ठेले पर चाट खा रहे रोजगार सहायक नरेन्द्र सोलंकी को पुलिस ने सरपंच के भाई असीन से एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को देखकर रोजगार सहायक के हाथ से रिश्वत में लिए रुपए हाथ से नीचे जमीन पर गिर गए। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है।
योजनाबद्ध तरीके से बुधवार 11 मई को करैरा के जनपद कार्यालय के पास शिवहरे चाट भंडार के ठेले पर चाट खा रहे रोजगार सहायक नरेन्द्र सोलंकी को पुलिस ने सरपंच के भाई असीन से एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को देखकर रोजगार सहायक के हाथ से रिश्वत में लिए रुपए हाथ से नीचे जमीन पर गिर गए। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है।
ग्वालियर-चंबल संभाग में भ्रष्टाचार के मामलों में शिवपुरी जिला नंबर-वन
शिवपुरी. जिले में भ्रष्टाचार चरम पर है और इसका प्रमाण चार माह में लोकायुक्त द्वारा दबोचे गए चार भ्रष्ट सरकारी अधिकारी-कर्मचारी। खुद लोकायुक्त टीआई मानते हैं कि ग्वालियर-चंबल संभाग में शिवपुरी में सबसे अधिक मामले ट्रेप होते हैं, यानि भ्रष्टाचार में हमारा जिला नंबर-वन है। महत्वपूर्ण बात यह है कि इन भ्रष्ट अधिकारियोंं का सेटअप इतना मजबूत है कि लोकायुक्त द्वारा वरिष्ठ अधिकारियोंं को पत्र लिखे जाने के बाद भी इन्हें कुर्सी से नहीं हटाया जा रहा।
शिवपुरी. जिले में भ्रष्टाचार चरम पर है और इसका प्रमाण चार माह में लोकायुक्त द्वारा दबोचे गए चार भ्रष्ट सरकारी अधिकारी-कर्मचारी। खुद लोकायुक्त टीआई मानते हैं कि ग्वालियर-चंबल संभाग में शिवपुरी में सबसे अधिक मामले ट्रेप होते हैं, यानि भ्रष्टाचार में हमारा जिला नंबर-वन है। महत्वपूर्ण बात यह है कि इन भ्रष्ट अधिकारियोंं का सेटअप इतना मजबूत है कि लोकायुक्त द्वारा वरिष्ठ अधिकारियोंं को पत्र लिखे जाने के बाद भी इन्हें कुर्सी से नहीं हटाया जा रहा।
जनसुनवाई में आ रहीं रिश्वत मांगने की शिकायतें
हर पीडि़त व्यक्ति के पास इतना पैसा नहीं होता कि वो रिश्वत की राशि दे तथा लोकायुक्त से ट्रेप करवा दे। हर मंगलवार को जनसुनवाई में पीडि़त आवेदक यह शिकायत लेकर आते हैं कि उनसे जायज काम के बदले पैसे मांगे जा रहे हैं। बीते मंगलवार को ही एक महिला ने शिकायती आवेदन दिया कि प्रधानमंत्री आवास का केस पास करने के बदले में नगरपालिका के कर्मचारी 40 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहे हैं। जनसुनवाई में आने वाली शिकायतों को अधिकारी भी नजरअंदाज कर देते हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि जिले में यह सब चल रहा है।
हर पीडि़त व्यक्ति के पास इतना पैसा नहीं होता कि वो रिश्वत की राशि दे तथा लोकायुक्त से ट्रेप करवा दे। हर मंगलवार को जनसुनवाई में पीडि़त आवेदक यह शिकायत लेकर आते हैं कि उनसे जायज काम के बदले पैसे मांगे जा रहे हैं। बीते मंगलवार को ही एक महिला ने शिकायती आवेदन दिया कि प्रधानमंत्री आवास का केस पास करने के बदले में नगरपालिका के कर्मचारी 40 हजार रुपए की रिश्वत मांग रहे हैं। जनसुनवाई में आने वाली शिकायतों को अधिकारी भी नजरअंदाज कर देते हैं, क्योंकि वे जानते हैं कि जिले में यह सब चल रहा है।
कमिश्रर को भेजा पत्र, नहीं हटाए संयोजक
बीते 22 मार्च को कलेक्ट्रेट परिसर में 80 हजार की रिश्वत लेते दबोचे गए आदिम जाति कल्याण विभाग के भृत्य के साथ ही संयोजक को भी आरोपी बनाया गया है। इस मामले में लोकायुक्त ने 25 मार्च को एक पत्र कमिश्रर को भेजा था, जिसमें उल्लेख किया था कि संयोजक आरएस परिहार को लोकायुक्त ने रिश्वत के मामले में आरोपी बनाया है। बावजूद इसके अभी तक संयोजक को उस कुर्सी से नहीं हटाया गया।
बीते 22 मार्च को कलेक्ट्रेट परिसर में 80 हजार की रिश्वत लेते दबोचे गए आदिम जाति कल्याण विभाग के भृत्य के साथ ही संयोजक को भी आरोपी बनाया गया है। इस मामले में लोकायुक्त ने 25 मार्च को एक पत्र कमिश्रर को भेजा था, जिसमें उल्लेख किया था कि संयोजक आरएस परिहार को लोकायुक्त ने रिश्वत के मामले में आरोपी बनाया है। बावजूद इसके अभी तक संयोजक को उस कुर्सी से नहीं हटाया गया।
बढ़ाया कमीशन परसेंट, तो धरे गए
महंगाई बढऩे के साथ ही रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों ने अपना कमीशन परसेंटेज भी बढ़ा दिया है। कलेक्ट्रेट में 80 हजार की रिश्वत वाले मामले में फरियादी का कहना था कि इस बार कमीशन के रेट बढ़ा दिए थे, इसलिए हमने ट्रेप कराया है। वहीं आज बुधवार को जो रोजगार सहायक 1 लाख की रिश्वत लेते करैरा में पकड़ा गया, उसने भी 7 परसेंट से बढ़ाकर 10 प्रतिशत कमीशन की रेट कर दी थी, तो वो भी पकड़ में आ गया। यानि सीमित कमीशन तो सभी जगह चल रहा है और उसेे देने में लोगों को परहेज भी नहीं है।
महंगाई बढऩे के साथ ही रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों ने अपना कमीशन परसेंटेज भी बढ़ा दिया है। कलेक्ट्रेट में 80 हजार की रिश्वत वाले मामले में फरियादी का कहना था कि इस बार कमीशन के रेट बढ़ा दिए थे, इसलिए हमने ट्रेप कराया है। वहीं आज बुधवार को जो रोजगार सहायक 1 लाख की रिश्वत लेते करैरा में पकड़ा गया, उसने भी 7 परसेंट से बढ़ाकर 10 प्रतिशत कमीशन की रेट कर दी थी, तो वो भी पकड़ में आ गया। यानि सीमित कमीशन तो सभी जगह चल रहा है और उसेे देने में लोगों को परहेज भी नहीं है।
- हमारे पास रोजगार सहायक के खिलाफ सरपंच के भाई ने 6 मई को शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद बुधवार को हमने आरोपी रोजगार सहायक को एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया। आगे की कार्रवाई की जा रही है।
कविन्द्र सिंह चौहान, टीआई, लोकायुक्त ग्वालियर।
कविन्द्र सिंह चौहान, टीआई, लोकायुक्त ग्वालियर।