सिंधिया के प्रति राठखेड़ा की यह निष्ठा ही बड़ा कारण रही कि उन्हें एक बार व 18 महीने की विधायकी के बदले में राज्यमंत्री का दर्जा मिल गया। जबकि इससे पूर्व पूर्व भाजपा के ही लगातार दो बार विधायक रहे प्रहलाद भारती को यह मौका नही मिल पाया, जबकि वे तो शिवराज सिंह चौहान के रिश्तेदार भी हैं। ऐसे में कयास यही लगाए जा रहे हैं कि सिंधिया के प्रति निष्ठा का प्रतिफल ही राठखेड़ा को मिला है और इसी वजह से उन्हे राज्यमंत्री बनने का अवसर मिला।
गौरतलब है कि शिवराज सरकार का बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार गुरुवार को हो गया। प्रभारी राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने राजभवन में नए मंत्रियों को शपथ दिलवाई। ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोडक़र अपने 22 समर्थकों के साथ भाजपा ज्वाइन करने के बाद अपने आप में बड़ा बदलाव है।