जिले के बदरवास विकासखंड के अंतर्गत आने वाली वन भूमि पर सबसे अधिक कब्जा करके खेती की जा रही है। इस क्षेत्र में प्रभावशाली लोग दूसरे जिलों से भील जाति के परिवारों को लाकर जंगल में बसा देते हैं और उनसे जंगल कटवाकर उस पर खुद खेती करवाते हैं। भील जाति की महिलाएं इतनी खतरनाक होती हैं कि फोरेस्ट टीम के सामने अपने बच्चे जमीन पर पटक कर उनकी छाती पर पैर रखकर मारने की धमकी देती हैं, जबकि उनके पुरुष गोफन से हमला करते हैं। यही वजह है कि बदरवास क्षेत्र में वनकर्मी भीलों से डरते हैं तथा कब्जा हटाने के लिए बिना टीम के अकेले जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाते।
अभयारण्य क्षेत्र में धड़ल्ले से अवैध उत्खनन
करैरा में पहले सोन चिरैया अभयारण्य हुआ करता था, जिसका नाम अब करैरा अभयारण्य कर दिया गया, लेकिन उस पर लगा प्रतिबंध अभी तक नहीं हटा है। करैरा अभयारण्य क्षेत्र में आने वाले तीन दर्जन गांव के लोग अपनी जमीन को खरीद और बेच नहीं सकते तथा वहां विकास कार्य भी अभयारण्य होने की वजह से नहीं किए जाते। वहीं इसके उलट रेत माफिया इन क्षेत्रों से दिन-रात अवैध उत्खनन और परिवहन कर रहा है। इसमें अभयारण्य के कर्मचारी भी शामिल हैं।
करैरा में पहले सोन चिरैया अभयारण्य हुआ करता था, जिसका नाम अब करैरा अभयारण्य कर दिया गया, लेकिन उस पर लगा प्रतिबंध अभी तक नहीं हटा है। करैरा अभयारण्य क्षेत्र में आने वाले तीन दर्जन गांव के लोग अपनी जमीन को खरीद और बेच नहीं सकते तथा वहां विकास कार्य भी अभयारण्य होने की वजह से नहीं किए जाते। वहीं इसके उलट रेत माफिया इन क्षेत्रों से दिन-रात अवैध उत्खनन और परिवहन कर रहा है। इसमें अभयारण्य के कर्मचारी भी शामिल हैं।
पोहरी व शिवपुरी में भी बड़े पैमाने पर अवैध कब्जा
जिले के पोहरी क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर जंगल की जमीन पर कब्जा करके न केवल खेती की जा रही है, बल्कि कुछ जगह पत्थर की अवैध खदानें भी संचालित हो रही हैं। इसी क्रम में शिवपुरी विकासखंड अंतर्गत आने वाले बम्हारी व सुभाषपुरा क्षेत्र में भी वन भूमि पर पत्थर की अवैध खदानें संचालित हो रही हैं। वहीं शिवपुरी की मझेरा में भी बड़े पैमाने पर जंगल की जमीन से पत्थर निकाला जाकर बाजार में सप्लाई किया जा रहा है।
जिले के पोहरी क्षेत्र में भी बड़े पैमाने पर जंगल की जमीन पर कब्जा करके न केवल खेती की जा रही है, बल्कि कुछ जगह पत्थर की अवैध खदानें भी संचालित हो रही हैं। इसी क्रम में शिवपुरी विकासखंड अंतर्गत आने वाले बम्हारी व सुभाषपुरा क्षेत्र में भी वन भूमि पर पत्थर की अवैध खदानें संचालित हो रही हैं। वहीं शिवपुरी की मझेरा में भी बड़े पैमाने पर जंगल की जमीन से पत्थर निकाला जाकर बाजार में सप्लाई किया जा रहा है।