कोलारस परगने में 9 सोसायटी खाद वितरण का कार्य करती थीं, जिनमें पैक्स सोसायटी कोलारस, पचावली, लुकवासा, देहरदागणेश, खरई, कुलवारा, बेंहठा, भड़ौता व राई आदि सोसायटीं शामिल हैं। अब सहकारी बैंक में सौ करोड़ का घोटाला होने के बाद सहकारी बैंक के साथ, सभी पैक्स सोसायटियों को जांच की जद में शामिल आ गई हैं। इस कारण किसी भी सोसाइटी को खाद की उपलब्धता नहीं हो सकी। इसके चलते सहकारिता के अधिकारियों द्वारा पैक्स सोसायटियों को डिफॉल्टरों की श्रेणी में लिया जा रहा है। बैंक घोटाले की जांच के कारण सोसायटियां परगने के 27 हजार किसानों को खाद्य व यूरिया की उपलब्धता कराने में नाकाम साबित हो रही हैं।
कोलारस स्थित मार्फेट के गोदाम में खाद मिल रहा हैं। यहां अन्नदात्ता को अन्न पैदा करने यूरिया खाद खरीदने के लिए एक जंग सी लडऩी पड़ रही है। किसान 1200 रुपए में 50 किलो खाद का कट्टा खरीद रहा है। नगद रुपयों में खाद पाने के लिए किसानों को पूरा दिन लाइनों में लगकर भारी जद्दोहद करनी पड़ रही है।
विगत दिनों शिवपुरी जिले में मावठ बारिश होने के कारण अब गेहंू, सरसों और चने की बोवनी होने को है और परगने के 45 हजार किसानों को खाद व यूरिया की आवश्यकता है, लेकिन कोलारस क्षेत्र के 27 हजार किसानों को सहकारी बैंक घोटाले का दंश झेलना पड़ रहा है।
किसान नेता अनिल जादौन बैढ़ारी ने कहा कि यदि कोलारस के सहकारी बैंक घोटाले की जांच में सोसायटियां डिफाल्टर हो गईं, तो इसका खामियाजा किसान क्यों भुगतेगें?। किसानों ने तो समय से सोसायटियों का ऋण चुकाया है। प्रशासनिक अधिकारियों को कोई रास्ता अख्तियार कर किसानों को खाद की उपलब्धता करानी चाहिए, नहीं तो बार-बार सूखे व अतिवृष्टि की मार झेल रहे अन्नदाता को सडक़ों पर उतरते देर नहीं लगेगी।
मामला मेरे संज्ञान में है। हमारे द्वारा इस मामले से जिला कलेक्टर व सहकारिता के जीएम को अवगत करा दिया गया है। भौतिक स्तर पर निराकरण के लिए उच्च स्तरीय प्रयास शुरू हो गए हैं। अतिशीघ्र किसानों को खाद्य उपलब्ध करा दिया जाएगा।
ब्रजबिहारी श्रीवास्तव, एसडीएम कोलारस