शिवपुरी जिले के शासकीय स्कूलों में अध्ययनरत 2.28 लाख छात्र-छात्राओं की डे्रस के लिए प्रति बच्चा 600 रुपए के मान से एसआरएलएम को दो-दो ड्रेस वितरित की जानी थी। कथित तौर पर डे्रस बनने से पहले ही डे्रस के लिए आई 13 करोड़ रुपए की राशि में बंदरबांट कर लिया गया, जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा कुछ जनप्रतिनिधि भी शामिल रहे। इस मामले का खुलासा तत्कालीन डीपीसी व सत्यापन समिति के सदस्य शिरोमणि दुबे ने करते हुए इशारे-इशारे में तत्कालीन कलेक्टर पर मामले को दबाने का आरोप भी लगाया था। यह मामला इतना तूल पकड़ा कि रातोंरात डीपीसी का ट्रांसफर शिवपुरी से दतिया कर दिया गया, हालांकि बाद में वे स्टे ले आए थे। जिले में हुए करोड़ों के इस घोटाले को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी ने कलेक्टे्रट पर धरना देकर ज्ञापन भी सौंपा था। तब भी कलेक्टर ने जांच की बात कहकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया।
इसका परिणाम यह हुआ कि जिले के ज्यादातर बच्चों को डे्रस मिल ही नहीं सकी। जिन्हें मिली वो इतनी घटिया थी कि दो धुलाई में ही कपड़ा फटने लगा। इतना ही नहीं, डे्रस बिना नाप की बना दी गई। यानि जिस डे्रस के रेट 600 रुपए शासन ने दिए, उसके बदले में महज 50-100 रुपए वाली डे्रस बनाकर दे दी गई। इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई की बजाय प्रशासन ने जांच के नाम पर इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया। इधर शिक्षण सत्र खत्म होने को आ गया, लेकिन स्कूली बच्चों को डे्रस नहीं मिल सकी। जब इस मामले के दोषियों को सजा दिलवाने एवं बच्चों के खाते में ड्रेस के बदले 600 रुपए दिलाए जाने की मांग अभिनंदन जैन ने जनसुनवाई में की तो प्रशासन ने पहले धक्के देकर उन्हें बाहर करवाया। इसके बाद अब कलेक्ट्रेट के भृत्य रामेश्वर सेमिल की रिपोर्ट पर अभिनंदन जैन के विरुद्ध धारा 353 के तहत शिवपुरी कोतवाली में प्रकरण दर्ज कर लिया गया है।
…और इस आवेदन पर नहीं की सुनवाइ्र्र
कलेक्ट्रेट में जनसुनवाई के दौरान गार्ड द्वारा धक्के देकर की गई अभद्रता के खिलाफ अभिनंदन जैन ने एक लिखित शिकायत एसपी ऑफिस में दी थी। इसमें उल्लेख किया गया कि जिले के ढाई लाख बच्चों की गणवेश में हुए घोटाले के मामले में दोषियों पर कार्रवाई की मांग करने गए थे, लेकिन उन्हें कलेक्ट्रेट से धक्के देकर बाहर कर दिया गया। इससे लगता है कि प्रशासन मामले को दबाने का प्रयास कर रहा है। शिकायत में अभिनंदन ने उल्लेख किया कि मेरे साथ जिनके इशारे पर गार्ड ने अभद्रता की उनके खिलाफ विधि अनुसार कार्रवाई की जाए। पुलिस अधीक्षक ने इस आवेदन पर गौर ही नहीं किया।
मेरी नजर में अभी तक ऐसा कोई आवेदन नहीं आया, जो अभिनंदन द्वारा दिया गया था। कोतवाली में उसके विरुद्ध धारा 353 का प्रकरण दर्ज किया गया है, जो गैर जमानती है। पुलिस गिरफ्तारी करेगी।
राजेश हिंगणकर, एसपी शिवपुरी