भौंती निवासी दिवाकर अग्रवाल ने शिवपुरी कलेक्ट्रेट में एक खदान की लीज के लिए आवेदन किया था। इसके लिए खनिज सेक्शन के क्लर्क रामगोपाल राठौर ने रिश्वत मांगी थी। दिवाकर को बताया गया था कि इसके लिए एडीएम जेडयू शेख को भी हिस्सा देना होगा। दिवाकर ने मामले की शिकायत लोकायुक्त को कर दी। शिकायत की तस्दीक के लिए लोकायुक्त की टीम ने दिवाकर से एडीएम और क्लर्क की टेलीफोनिक बातचीत रिकार्ड कराई। शिकायत सच पाई गई तो, लोकायुक्त टीम ने 7 नवंबर 2015 को रणनीति बना कर रिश्वत की पहली किशत 15 हजार रुपए के केमिकल युक्त नोट दिवाकर के जरिए एडीएम को भेजे। एडीएम ने रिश्वत की रकम हाथ में न लेकर अपनी टेबिल की ड्रॉज में रखवा ली थी। इशारा पाकर लोकायुक्त टीम ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ कर मामला दर्ज कर लिया था। इसके बाद क्लर्क रामगोपाल को भी हिरासत में ले लिया था।
दिवाकर से कुल 20 हजार रुपए रिश्वत के मांगे गए थे, जिसमें से 10 हजार रुपए का लिफाफा एडीएम जेडयू शेख के लिए था, जबकि 5 हजार रुपए रामगोपाल राठौर ने रखे थे। क्लर्क राठौर ने दिवाकर से कहा था कि 5 हजार रुपए ऑफिस के दूसरे बाबूओं को दे देना, नहीं वो तो शोर-शराबा करेंगे।
विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम शिवपुरी के प्र.क्र. 1/2017 में आरोपी जेडयू शेख अपर कलेक्टर शिवपुरी एवं आरोपी रामगोपाल राठौर रीडर खनिज शाखा को भ्र.नि. अधि. की धारा 7 मे 4 साल सश्रम कारावास और 7000 रुपए जुर्माना तथा धारा 13(1)बी/13(2) सहपठित 120बी भादवि मे 5 साल सश्रम कारवास 7000 रुपए का जुर्माने की सजा से दंडित किया गया। शासन की ओर से पैरवी हजारीलाल बैरवा अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी शिवपुरी ने की।