प्रशासन के सामने ऐसे आया अतिक्रमण
पुराने प्राइवेट बस स्टैंड पर जब पुलिस व प्रशासन की टीम सफाई कर रही थी, इसी बीच किसी ने सूचना दी कि इसके पीछे ही शासकीय जमीन पर बड़े पैमाने पर अवैध कब्जा किया गया है। जानकारी मिलते ही एडीशनल एसपी गजेंद्र सिंह कंवर, टीआई कोतवाली बादाम सिंह यादव व ट्रैफिक प्रभारी रणवीर सिंह यादव अमले को लेकर मौके पर पहुंचे। काफी देर तक इंतजार के बाद भी नगरपालिका का अमला नहीं पहुंचा तो एडीशनल एसपी खुद ही लाठी लेकर झोपडिय़ों के कब्जे तोडऩे लगे। कुछ देर में वहां जेसीबी भी पहुंच गई, जिसने अवैध रूप से बनाए गए पक्के कमरों को तोडऩा शुरू कर दिया। कुछ ही देर में पूरी शासकीय भूमि को मुक्त कराने के साथ ही वहां मौजूद सामान को जब्त कर लिया गया।
कब्जे की जमीन पर यह चल रहे थे अवैध कारोबार
पांच एकड़ जमीन पर किए गए कब्जे में जिस जगह भैंसों का तबेला संचालित हो रहा था, वह माधव चौक स्कूल की बाउंड्री के पास ही है। भैंसों का तबेला चलाने वाले ने बताया कि हम हर महीने 15 हजार रुपए किराया दे रहे हैं तथा हर दिन 2 किलो दूध भी दे रहे हैं।
आईसक्रीम का कारोबार करने वाले किराएदार ने बताया, हम पिछले सात साल से यहां पर अपना ठेला लगा रहे हैं तथा जब कभी यहां पर आईसक्रीम बनाने का काम भी करते थे। इसके बदले में हर महीने 4 हजार रुपए किराया दे रहे थे।
सट्टा कारोबारी तो सुबह से ही यहां पर्ची काटता मिला। उसके कब्जे से बड़ी मात्रा में सट्टे की पर्चियां व नकदी मिली। यह अवैध कारोबार भी बरसों से यहां पर संचालित हो रहा था, जिसका किराया लगभग 10 हजार रुपए दिया जा रहा था। चर्चा तो यह है कि जब भी शहर में कोई नया सट्टा कारोबारी कोई जगह धंधा शुरू करता है तो इसकी जानकारी सबसे पहले पुलिस को मिलती है, क्योंकि वहां से पुलिस का महीना बंध जाता है। सवाल यह है कि क्या यहां से भी महीना बंधा हुआ था?