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शासकीय भूमि पर कब्जा कर उठाया किराए पर, अधिकारियों ने हटाया 5 एकड़ भूमि से कब्जा

locationशिवपुरीPublished: Mar 08, 2020 09:42:24 pm

Submitted by:

Rakesh shukla

माधव चौक पर सफाई के लिए शनिवार को कलेक्टर के साथ एसपी व पूरा अमला पहुंचा। स्वच्छता अभियान के दौरान ही अफसरों को पता चला कि पुराने प्राइवेट बस स्टैंड के पीछे 5 एकड़ शासकीय जमीन पर सालों से कब्जा कर भू-माफिया ने उसे किराए पर दे रखा है। अफसर मौके पर पहुंचे तो वहां भैंसों का तबेला, घोड़ों का अस्तबल, सट्टा व आईस्क्रीम का कारोबार चलता मिला।

शासकीय भूमि पर कब्जा कर उठाया किराए पर, अधिकारियों ने हटाया 5 एकड़ भूमि से कब्जा

शासकीय भूमि पर कब्जा कर उठाया किराए पर, अधिकारियों ने हटाया 5 एकड़ भूमि से कब्जा

शिवपुरी. माधव चौक पर सफाई के लिए शनिवार को कलेक्टर के साथ एसपी व पूरा अमला पहुंचा। स्वच्छता अभियान के दौरान ही अफसरों को पता चला कि पुराने प्राइवेट बस स्टैंड के पीछे 5 एकड़ शासकीय जमीन पर सालों से कब्जा कर भू-माफिया ने उसे किराए पर दे रखा है। अफसर मौके पर पहुंचे तो वहां भैंसों का तबेला, घोड़ों का अस्तबल, सट्टा व आईस्क्रीम का कारोबार चलता मिला। खास बात यह है कि काफी देर तक नपा का अमला नहीं पहुंचा तो एएसपी खुद मैदान में उतरे और डंडे से झोपडि़यां तोडऩे लगे। हालांकि, कुछ समय बाद नपा अमला पहुंचा और अतिक्रमण को तोड़ गया। इस दौरान कब्जेधारी व सट्टा कारोबारी को पुलिस ने पकड़ा। सवाल यह भी है कि शहर के बीचोंबीच करोड़ों की शासकीय भूमि पर बरसों से कब्जा होने के साथ ही वहां चल रहे सट्टा जैसे कारोबार की भनक न तो पुलिस को लगी, न प्रशासन को, यह कैसे संभव है? पुराने प्राइवेट बस स्टैंड के पीछे शासकीय भवन है, जिसमें वर्ष 1976 से भारत सुमन सिंह का परिवार निवास करता है। बताते हैं, यहां सती माता का मंदिर था, जिसकी देखरेख के लिए भारत को शासकीय आवास रहने के लिए दिया गया था। भारत सुमन मंडी में कर्मचारी था। उसी समय से भारत का परिवार न केवल वहां निवास कर रहा था, बल्कि उसने आसपास की ५ एकड़ की जमीन पर कब्जा कर उसे किराए पर उठा रखा था। वहां कमरे बनाकर उन्हें बाहर से आकर शिवपुरी में व्यवसायिक कारोबार करने वालों को किराए पर दे दिया, बल्कि वहां भैंसों का तबेला व घोड़ों का अस्तबल भी खुलवा दिया। एक कमरा सट्टा कारोबारियों को भी दिया गया, जहां दिन भर सट्टा खिलाने वाले पर्ची काटते रहते थे। तबेले वाले से हर माह 15 हजार रुपए किराया तथा हर दिन 2 किलो दूध कब्जेधारी को मिलता था, जबकि दूसरे किराएदारों से 2 हजार से लेकर 5 हजार रुपए तक किराया वसूला जा रहा था। इसके अलावा सट्टा कारोबारी भी किराए के नाम पर बड़ी राशि देते थे।

प्रशासन के सामने ऐसे आया अतिक्रमण
पुराने प्राइवेट बस स्टैंड पर जब पुलिस व प्रशासन की टीम सफाई कर रही थी, इसी बीच किसी ने सूचना दी कि इसके पीछे ही शासकीय जमीन पर बड़े पैमाने पर अवैध कब्जा किया गया है। जानकारी मिलते ही एडीशनल एसपी गजेंद्र सिंह कंवर, टीआई कोतवाली बादाम सिंह यादव व ट्रैफिक प्रभारी रणवीर सिंह यादव अमले को लेकर मौके पर पहुंचे। काफी देर तक इंतजार के बाद भी नगरपालिका का अमला नहीं पहुंचा तो एडीशनल एसपी खुद ही लाठी लेकर झोपडिय़ों के कब्जे तोडऩे लगे। कुछ देर में वहां जेसीबी भी पहुंच गई, जिसने अवैध रूप से बनाए गए पक्के कमरों को तोडऩा शुरू कर दिया। कुछ ही देर में पूरी शासकीय भूमि को मुक्त कराने के साथ ही वहां मौजूद सामान को जब्त कर लिया गया।

कब्जे की जमीन पर यह चल रहे थे अवैध कारोबार
पांच एकड़ जमीन पर किए गए कब्जे में जिस जगह भैंसों का तबेला संचालित हो रहा था, वह माधव चौक स्कूल की बाउंड्री के पास ही है। भैंसों का तबेला चलाने वाले ने बताया कि हम हर महीने 15 हजार रुपए किराया दे रहे हैं तथा हर दिन 2 किलो दूध भी दे रहे हैं।
आईसक्रीम का कारोबार करने वाले किराएदार ने बताया, हम पिछले सात साल से यहां पर अपना ठेला लगा रहे हैं तथा जब कभी यहां पर आईसक्रीम बनाने का काम भी करते थे। इसके बदले में हर महीने 4 हजार रुपए किराया दे रहे थे।

सट्टा कारोबारी तो सुबह से ही यहां पर्ची काटता मिला। उसके कब्जे से बड़ी मात्रा में सट्टे की पर्चियां व नकदी मिली। यह अवैध कारोबार भी बरसों से यहां पर संचालित हो रहा था, जिसका किराया लगभग 10 हजार रुपए दिया जा रहा था। चर्चा तो यह है कि जब भी शहर में कोई नया सट्टा कारोबारी कोई जगह धंधा शुरू करता है तो इसकी जानकारी सबसे पहले पुलिस को मिलती है, क्योंकि वहां से पुलिस का महीना बंध जाता है। सवाल यह है कि क्या यहां से भी महीना बंधा हुआ था?

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